scriptपाकिस्तान में होने वाला दक्षेस शिखर सम्मेलन स्थगित ! | SAARC summit set to be called off as India refuses to participate | Patrika News

पाकिस्तान में होने वाला दक्षेस शिखर सम्मेलन स्थगित !

Published: Sep 28, 2016 11:22:00 pm

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि 19वां दक्षेस शिखर
सम्मेलन टल जाएगा क्योंकि चार देशों ने भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है

SAARC

SAARC

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के भारत के आक्रामक कूटनीतिक अभियान के कारण नवम्बर में इस्लामाबाद में होने वाला दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) का 19वां शिखर सम्मेलन स्थगित होना तय हो गया है। हालांकि, उसकी औपचारिक घोषणा नेपाल सरकार करेगी। इस आठ सदस्यीय क्षेत्रीय सहयोग संगठन में भारत समेत चार देशों के हिस्सा नहीं लेने के औपचारिक एलान के बाद दक्षेस के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल में इस सम्मेलन के आयोजन को रद्द करने का विचार शुरू हो गया है।

भारत के बाद बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी नेपाल में दक्षेस सचिवालय को पत्र लिख कर आयोजन के वातावरण का हवाला देते हुए सम्मेलन में भाग लेने से मना कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि 19वां दक्षेस शिखर सम्मेलन टल जाएगा क्योंकि चार देशों ने भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि दक्षेस नियमों के अनुसार अगर कोई एक सदस्य देश भी सम्मेलन में भाग नहीं लेने का फैसला करता है तो सम्मेलन को स्थगित किया जाता है। हालांकि, इस बारे में औपचारिक घोषणा नेपाल को अपने यहां अंदरूनी विचार विमर्श के बाद ही करनी होगी।

स्वरूप ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान जिस रास्ते पर चल रहा है, उससे यह स्थिति बनी है। दक्षेस को लेकर क्षेत्रीय संपर्क और समृद्धि के सिद्धांतों को लेकर भारत की प्रतिबद्धता अक्षुण्ण है। लेकिन हम सीमा पार आतंकवाद और हमारे आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप के बीच दक्षेस शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले सकते। भारत के साथ तीन अन्य देशों ने भी पाकिस्तान को यही संदेश दिया है। पाकिस्तान को खुद सोचना चाहिए कि वह दक्षेस के साथ कैसा रिश्ता चाहता है।

दिन में काठमांडू से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार नेपाल सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने भारत सहित चारों देशों की ओर से 19वें दक्षेस शिखर सम्मेलन में भागीदारी को लेकर लिखे गए पत्र के मिलने की पुष्टि की है और कहा है कि वे इस बारे में जल्द ही अंतिम निर्णय लेंगे। उन्होंने भी ऐसे ही संकेत देते हुए कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में दक्षेस शिखर सम्मेलन का आयोजन नहीं किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार नेपाल के विदेश मंत्री प्रकाश शरण महत और विदेश सचिव बुधवार देर रात काठमांडू लौटेंगे। उसके बाद दक्षेस महासचिव इस बारे में कोई औपचारिक निर्णय लेकर घोषणा करेंगे।

मालदीव और श्रीलंका ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। ऐसी उम्मीद है कि दोनों देश अन्य देशों की राय के अनुकूल रुख अपनाएंगे। हालांकि, उनके निर्णय से बहुत फर्क नहीं पडऩे वाला है। इस बीच शाम होते होते पाकिस्तान में दक्षेस शिखर सम्मेलन को स्थगित किए जाने की खबरें फैलने लगीं। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से ये खबरें पाकिस्तानी मीडिया में आईं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को ही सम्मेलन में भाग नहीं लेने के निर्णय की घोषणा करते हुए कहा था कि क्षेत्र में सीमा पार से बढ़ते आतंकी हमलों और एक देश द्वारा सदस्य देशों के आतंरिक मामले में बढ़ती दखलअंदाजी के कारण दक्षेस सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए अनुकूल माहौल नहीं है।

अफगानिस्तान ने अपने पत्र में कहा, हिंसा के बढ़ते स्तर के कारण अफगानिस्तान आतंकवाद का शिकार हो रहा है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी कमांडर इन चीफ के रूप में अपनी जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और वह सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे। बांग्लादेश सरकार ने पत्र में कहा है कि एक देश द्वारा बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में बढ़ती दखलअंदाजी से ऐसा माहौल बन गया है जो इस्लामाबाद में 19वें दक्षेस सम्मेलन के सफल आयोजन के हित में नहीं है।

पत्र में कहा गया है, बांग्लादेश क्षेत्रीय सहयोग, संपर्क और संबंध की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है, लेकिन साथ ही उसका मानना है कि सौहार्दपूर्ण माहौल में ही ये चीजें आगे बढ़ सकती हैं। बांग्लादेश मौजूदा स्थितियों में इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में भाग नहीं ले सकता। भूटान सरकार ने भी यहीं रुख अपनाते हुए अपने पत्र में कहा है कि थिंपू दक्षेस प्रक्रिया और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन क्षेत्र में हाल में बढ़ती आतंकी घटनाएं चिंता का विषय है और दक्षेस सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए अनूकुल माहौल नहीं है।

पत्र में कहा गया है, आतंकवाद के कारण क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति पर दक्षेस के कुछ सदस्य देशों ने चिंता जताई है और उन्हीं देशों की तरह यह चिंता हमारी भी है, इसलिए मौजूदा परिस्थितियों में दक्षेस सम्मेलन में भाग लेने में हम असमर्थ हैं। काबुल से ढाका और ढाका से थिंपू तक पाकिस्तान को एक संयुक्त संदेश दिया गया है कि आतंकवाद के मुद्दे पर दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भारत के रूख को व्यापक समर्थन हासिल है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो