sanjay-dutt-55e12d57ebbf0_l.jpg”>
नलवाला ने अपनी याचिका में कहा है कि उसे सजा स्टैण्डर्ड 56 टाइप राइफल रखने के तहत दी गई है जबकि आम्र्स एक्ट की धारा 2 (1) (1) की परिभाषा के तहत यह प्रतिबंधात्मक हथियार नहीं है। AK-56 टाइप राइफल सेमी ऑटोमैटिक राइफल है। यह ऑटोमैटिक नहीं है। अदालती सूत्रों के अनुसार अगर यूसुफ को कोर्ट से राहत मिलती है तो संजय दत्त जेल से फिर से बाहर आ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि ऑटोमैटिक हथियार रखने के मामले में 5 साल की सजा का प्रावधान है जबकि सेमी ऑटोमैटिक हथियार रखने की सजा 3 साल है।
नलवाला ने अपनी याचिका में कहा है कि उसे सजा स्टैण्डर्ड 56 टाइप राइफल रखने के तहत दी गई है जबकि आम्र्स एक्ट की धारा 2 (1) (1) की परिभाषा के तहत यह प्रतिबंधात्मक हथियार नहीं है। AK-56 टाइप राइफल सेमी ऑटोमैटिक राइफल है। यह ऑटोमैटिक नहीं है। अदालती सूत्रों के अनुसार अगर यूसुफ को कोर्ट से राहत मिलती है तो संजय दत्त जेल से फिर से बाहर आ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि ऑटोमैटिक हथियार रखने के मामले में 5 साल की सजा का प्रावधान है जबकि सेमी ऑटोमैटिक हथियार रखने की सजा 3 साल है।
वर्तमान में संजय दत्त और नलवाला दोनों अवैध हथियार रखने के मामले में पांच साल की सजा काट रहे हैं। नलवाला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने कहाकि कोर्ट की ओर से दिए गए सारे फैसले परफेक्ट नहीं होते। जस्टिस रंजन गोेगोई की अध्यक्षता वाली बैंच ने कहाकि आप क्यूरेटिव पीटिशन दायर कीजिए और मुद्दा उठाइए।