CVC की सहायता के लिए शर्मा बने सुप्रीम कोर्ट की पहली पसंद
Published: Jul 07, 2015 12:00:00 am
सीवीसी की सहायता के लिए एम एल शर्मा न्यायमूर्ति
मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ की पहली पसंद बनकर उभरे हैं
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ जांच में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को सहयोग के लिए सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक एम एल शर्मा का नाम उछाला है। सीवीसी की सहायता के लिए शर्मा न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ की पहली पसंद बनकर उभरे।
न्यायालय ने कहा कि सीवीसी जांच के लिए शर्मा की मदद ली जा सकती है, बशर्ते वह इसके लिए तैयार हों। न्यायालय का यह सुझाव उस वक्त आया जब सीवीसी ने कहा कि उसके पास जांच की अपनी कोई व्यवस्था नहीं है। सिन्हा पर आरोप है कि जांच एजेन्सी के मुखिया के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कोयला खदान आवंटन प्रकरण की जांच जान-बूझकर प्रभावित की।
न्यायालय ने गत 14 मई को अपने आदेश में कोयला खदान आवंटन प्रकरण के आरोपियों से जांच अधिकारियों की अनुपस्थिति में मुलाकात करने पर रंजीत सिन्हा को फटकार लगाते हुए इसे पूरी तरह अनुचित करार दिया था। न्यायालय ने कहा था कि इस प्रकरण की जांच की निष्पक्षता और इस पर श्री सिन्हा के आचरण के प्रभाव का पता लगाने के लिए इसमें “आगे जांच की आवश्यकता” है। यह खंडपीठ कोयला आवंटन घोटाले की जांच की निगरानी कर रही है।