इंडियन मुस्लिम लीग ने एआईपीएमटी परीक्षा में ड्रेस कोड पर की गई सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को बताया गलत
नई दिल्ली। कांग्रेस की सहयोगी इंडियन मुुस्लिम लीग ने रविवार को एआईपीएमटी परीक्षा में सीबीएससी द्वारा शुरू किए गए ड्रेस कोड को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई टिप्पणी को गलत बताया है। शुक्रवार को एआईपीएमटी की परीक्षा में अभ्यर्थियों को हिजाब व स्कार्फ पहन कर परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, अगर आप स्कार्फ के बिना भी एग्जाम देने आते हैं, तो इससे आपकी आस्था समाप्त नहीं होगी।
एआईपीएमटी एंट्रेंस एग्जाम को लेकर आईयूएमएल के राष्ट्रीय सचिव ईटी मोहम्मद बशीर ने कोर्ट पर उसकी टिप्पणी को लेकर निशाना साधा है। केरल विधानसभा के सदस्य बशीर ने कहा, “मुद्द विश्वास की बात पर जोर देता है। कोर्ट को विश्वास के मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने जितना सरल माना है मुद्दा उतना सरल नहीं है। उसका फैसला धार्मिक आस्था के खिलाफ है।”
आईयूएम के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी मुरलीधरन ने कहाकि, आईयूएमएल सुप्रीम कोर्ट और भारतीय संविधान को चैलेंज कर रहा है। उन्होंने कहा, “अगर वह देश में रह रहे हैं तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा। अगर वह ऎसा नहीं कर सकते तो उन्हें नागरिकता छोड़ देनी चाहिए।” सीबीएससी ने हाल ही अपने एक आदेश में कहा था कि 25 जुलाई को होने वाली एआईपीएमटी परीक्षा में स्कार्फ या फुल स्लीव पहन कर आने पर रोक रहेगी।
मुस्लिम स्टूडेंट्स के लिए ड्रेस कोड लागू किए जाने पर कई मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जाहिर की थी। इनका कहना था कि स्कार्फ और फुल स्लीव पहनने पर रोक गलत है और इससे उनकी धार्मिक आस्था को चोट पहुंचती है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।