scriptकानून सीखने की कोई उम्र सीमा नहीं : सुप्रीम कोर्ट | SC : No age limit to learn law | Patrika News

कानून सीखने की कोई उम्र सीमा नहीं : सुप्रीम कोर्ट

Published: Mar 28, 2015 02:27:00 pm

जस्टिस वी गोपाला गौड़ा और जस्टिस सी नग्गपन्न की खंडपीठ ने हाई कोर्ट के फैसले को
बरकरार रखते हुए अपील खारिज कर दी

नई दिल्ली। एक कहावत है-सीखने की कोई उम्र नहीं होती। यह बात इस साल से उन लोगों पर लागू होगी जो कानून की पढ़ाई करना चाहते हैं और प्रतिष्ठित नेशनल लॉ विश्वविद्यालयों (एनएलयू) के कॉमन लॉ टेस्ट एडमिशन (सीएलएटी) में बैठना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित डॉक्टर राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी (आरएमएलएनएलयू) की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें यूनिवर्सिटी को इस साल होने वाले सीएलएटी में अभयर्तियों के लिए 20 वर्ष की उम्र के प्रावधान को हटाने को कहा था।

सीएलएटी देश की सभी 16 लॉ यूनिवर्सिटी रोटेशन बेसिस पर अपने लॉ पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करवाती हैं। सीएलएटी के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 31 मार्च है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वी गोपाला गौड़ा और जस्टिस सी नग्गपन्न की खंडपीठ ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए आरएमएलएनएलयू की अपील खारिज कर दी।

देवाशीष पाठक और 20 अन्य ने आरएमएलएनएलयू के उस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि जो भी व्यक्ति सीएलएटी-2015 में बैठना चाहता है, उसकी उम्र 20 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इन 21 अभ्यर्थियों में से तीन ने सीएलएट-2014 में सफलता हासिल की थी, लेकिन मन के मुताबिक एनएलयू नहीं मिलने के चलते उन्होंने प्रवेश ही नहीं लिया।

हाई कोर्ट को बताया गया था कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने 2008 में आदेश जारी कर कहा था कि पांच साल के लॉ पाठयक्रम में जो अभ्यर्थी प्रवेश लेना चाहते हैं, उनकर उम्र 20 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इस उम्र सीमा को विभिन्न हाई कोर्टस में चुनौती दी गई थी। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट और कुछ अन्य हाई कोर्ट ने बीसीआई की इस उम्र सीमा को खारिज कर दिया था।

्रइन आदेशों के बाद, बीसीआई ने 28 सितंबर 2013 को स्वयं की उम्र सीमा की शर्त को वापस ले लिया था। याचिकर्ताओं ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से कहा कि बीएड, सीएस, सीए और एमबीए के पाठयक्रमों में प्रवेश लेने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं है। जस्टिस शशि कांत गुप्ता ने 26 फरवरी को दिए अपने फैसले में कहा कि लगता है प्रवेश प्रक्रिया को लेकर आरएम एलएनएलय ने अपनी आंखे मूंद ली और बीसीआई ने 2013 में उम्र सीमा को लेकर जो संशोधन किए, उसे नजरअंदाज कर दिया।

अपने खिलाफ आए आदेश के बाद आरएमएलएनएलय ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के फैसले को बरकार रखा।
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