नई दिल्ली। बैंको के डिफाल्टर होने की वजह विदेश में रह रहे बिजनेसमैन विजय माल्या से सुप्रीम कोर्ट ने उनकी विदेशी संपत्ति के बारे में जानकारी देने को कहा है। कोर्ट ने माल्या को चार हफ्ते के अंदर अपनी विदेशी संपत्तियों की जानकारी सौंपने के बारे में कहा है। कोर्ट ने ये भी कहा कि माल्या ये भी बताएं कि उन्होंने डियागो से मिले 40 मिलियन यूएस डॉलर का क्या किया।
कोर्ट ने इसलिए दिखाई सख्ती
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान महसूस किया माल्या के खिलाफ लगे आरोप काफी गंभीर हैं। अक्टूबर में सुनवाई के दौरान इनफोर्समेंट डाइरेक्टोरेट्स ने दिल्ली की एक कोर्ट से कहा था कि इस बात की उम्मीद नहीं है कि माल्या जल्द भारत लौटेंगे। इससे पहले कोर्ट ने माल्या से कहा था कि फेरा कानून तोडऩे के मामले में वो कोर्ट में क्यों पेश क्यों हुए। कोर्ट से माल्या ने मांग की थी कि सुनवाई के दौरान उन्हें पर्सनली मौजूद रहने से छूट दी जाए। हालांकि, ईडी ने इसका विरोध किया था। माल्या ने कहा था कि उनके पास पासपोर्ट नहीं है। ईडी का कहना था कि पासपोर्ट खुद माल्या की वजह से रद्द किया गया है।
इतना कर्जा है माल्या पर
माल्या ने लोन नहीं चुकाया। उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने लोन के पैसे से विदेशों में संपत्तियां खरीदी। हालांकि, माल्या की तरफ से कहा गया कि तेल की कीमतें बढऩे, ज्यादा टैक्स और खराब इंजन के चलते उनकी एयरलाइन्स को 6,107 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा था। उनके खिलाफ लोन रिकवरी का केस डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में चल रहा है। उन्होंने बैंकों से सेटलमेंट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने पिछले दिनों 6,868 करोड़ का ऑफर दिया था। हालांकि, माल्या ने इससे पहले 4400 करोड़ का ऑफर दिया था।