पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के सरकारी बंगले को खाली कराए जाने के मामले में SC से भी राहत नहीं मिली
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के सरकारी बंगले को खाली कराए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। कोर्ट से सख्त रुप अख्तियार करते हुए कहा कि वह अपनी गरिमा का ख्याल रखें और क्या कोई दूसरा आकर कहेगा कि बंगला खाली कीजिए। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने भी चौधरी की याचिका को खारिज कर दिया था।
चौधरी की दलील, उस बंगले में कोई और रहता है
एक साल पहले कांग्रेस के सत्ता से हटने के बाद चौधरी को दूसरा बंगला आवंटित कर दिया गया था, लेकिन चौधरी ने वहां जाने से यह कहते हुए मना कर दिया कि उस जगह कोई और रहता है। उधर, उनके वकील ने कहा कि उन्होंने कोई नियम नहीं तोड़ है, जबकि केंद्र की ओर से दलील थी कि आवास में ठहरने की उनकी सारी योग्यता खत्म हो गई है।
बिजली काटने पर भड़के थे
चौधरी उस वक्त भड़क गए थे, जब उनके आवास की बिजली काट दी गई थी। इस पर सरकार पर भड़कते हुए उन्होंने कहा कि मेरा अपमान किया गया है। बिजली और पानी न होने की वजह से मेरी बेटी अवसाद में चली गई है। बीजेपी नेताओं का दिल ललित मोदी के लिए दुखता है, पर मेरी बेटी और मेरे लिए नहीं। अजमल कसाब को भी बिजली पानी दिया गया था, मेरे साथ क्या हो रहा है। वहीं स्टाफ ने उनका सामान बाहर निकालना शुरु कर दिया। इस उन्होंने कहा कि अगर कुछ भी चोरी हुआ तो उसका जिम्मेदार स्टाफ होगा। बता दें कि पिछले साल चौधरी को संसद के मॉनसून सत्र के दौरान विरोध प्रदर्शन करके सदन की कार्यवाही में विघ्न डालने के लिए सस्पेंड कर दिया गया था।