वैज्ञानिकों का खुलासा, बरमूडा में ‘मानव त्रुटि’ से गायब होते हैं विमान!
बरमूडा ट्राएंगल की अबूझ पहली को सुलझाने का दावा समय-समय पर होता रहा है। अब वैज्ञानिकों ने इसके पीछे मानव त्रुटि को प्रमुख कारण बताया है।
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दावे से इतर कई राज खुलने बाकी
लेकिन, इस दावे के बावजूद इसके पीछे अन्य अदृश्य शक्ति और रहस्यमय परिस्थितियों हो सकती हैं। क्रुज़ेलनेकी ने कहा कि एक एक खोजी विमान के रेडियो टेप से मिली जानकारी से पता चलता है कि वहां 15 मीटर तरंगे उठ रही थीं, मौसम साफ नहीं था और कई जूनियर पायलटों ने पश्चिम की ओर उड़ान भरने की सिफारिश की थी। इसकी बजाय पायलट लेफ्टिनेंट चाल्र्स टेलर ने पूर्व की ओर उड़ान भरी थी। उसमें केवल एक अनुभवी आदमी था, बाकी सभी गैर अनुभवी थे।
एक जगह स्थिर नहीं हैं बरमूडा ट्राएंगल
कई शोधकर्ताओं ने इस ट्राएंगल की सीमा प्यूर्टाे रिको फ्लोरिडा, बहमास, पूरे कैरेबियाई द्वीप और अटलांटिक महासागर के उत्तरी हिस्से तक बताते हैं। खास बात ये कि ये दुनिया का सबसे व्यस्ततम जल मार्ग है, जहां से प्रतिदिन कई जहाज गुजरते हैं। बरमूडा ट्रायंगल निश्चित रूप से एक ही जगह स्थिर नहीं है। बीते 100 साल में बरमूडा ट्राएंगल से करीब 100 से ज्यादा छोटे-बड़े पानी के जहाज गायब हुए हैं जिन पर सवार 1000 से ज्यादा लोग कभी वापस नहीं आए।
पृथ्वी की घटनाओं का प्रभाव ब्लैक होल्स में भी
अंतरराष्ट्रीय भौतिकी वैज्ञानिकों की एक टीम ने खोज की है कि पृथ्वी की घटनाओं का ब्लैक होल्स पर प्रभाव पड़ता है। ये खोज ब्रह्मांड के जन्म को समझाने और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में ऊर्जा-रूपांतरण प्रक्रिया को सुधारने के लिए अधिक सबूत-आधारित मॉडल का नेतृत्व कर सकती है। टीम ने हैम्बर्ग विश्वविद्यालय में एक प्रयोग कर एक गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र की कल्पना की है।
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