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स्कॉर्पीन लीक: अखबार के खिलाफ केस, नेवी ने बनाई जांच कमेटी

Published: Aug 29, 2016 12:54:00 pm

Submitted by:

Abhishek Tiwari

नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा ने कहा, स्कार्पीन डाटा लीक मामले को गंभीरता से देखा है, हमने डीसीएनस से तुरंत इस मामले में जांच शुरू करने को कहा है

Scorpene Data Leak

Scorpene Data Leak

नई दिल्ली। भारतीय नेवी के स्कॉर्पीन सबमरीन्स के डेटा लीक मामले में घिरी फ्रेंच की शिपबिल्डर कंपनी डीसीएनएस ने इस बारे में रिपोर्ट छापने वाले द ऑस्ट्रेलियन अखबार के खिलाफ ऑस्ट्रलियाई सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया है। इसके साथ ही कंपनी ने इस मामले से जुड़े अन्य दस्तावेजों को प्रकाशित नहीं करने की भी गुहार लगाई है। दूसरी तरफ इस लीक से चिंतित भारतीय नौसेना ने मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है।

नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा ने कहा, स्कार्पीन डाटा लीक मामले को गंभीरता से देखा है, हमने डीसीएनस से तुरंत इस मामले में जांच शुरू करने को कहा है। उन्होंने बताया, इस मामले की जांच के लिए हमने अपनी उच्चस्तरीय कमेटी बनाई है। कमेटी की रिपोर्ट के बाद हम यह निर्णय लेंगे कि क्या आवश्यक कार्रवाई की जाए।

https://twitter.com/hashtag/ScorpeneLeak?src=hash



वहीं सबमरीन बनाने वाली कंपनी ने अदालत से अखबार को इस बारे में कोई और रिपोर्ट न छाप देने के लिए निषेधाज्ञा जारी करने की मांग की है। द ऑस्ट्रेलियन अखबार के पास स्कॉर्पीन पनडुब्बी समेत 22,400 सीक्रेट डॉक्युमेंट्स हैं।

द ऑस्ट्रेलियन की रिपोर्ट के मुताबिक डीसीएनएस का कहना है कि स्कॉर्पीन पनडुब्बी लीक्स स्कैंडल के चलते गुप्त जानकारियों की सुरक्षा करने की उसकी योग्यता पर सवाल खड़े हो सकते हैं। इस बीच अमरीका के एक सीनियर नेवी अफसर की ओर से फ्रांसीसी कंपनी की आलोचना किए जाने के बाद यूएस की चिंताएं भी सामने आई हैं। एडवर्ड स्नोडेन सरीखे लीक के इस मामले से भारत की स्कॉर्पीन सबमरीन्स की क्षमता के बारे में गोपनीय जानकारियां प्रतिद्वंद्वियों के हाथों पहुंचने का खतरा है।

https://twitter.com/ANI_news/status/769915806805295104



इस बीच भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस लीक को कमतर करार देने की कोशिश करते हुए कहा है कि यह बहुत बड़ी चिंता की बात नहीं है। पर्रिकर का कहना है कि लीक हुए डेटा में सबमरीन्स के सिस्टम की डिटेल नहीं हैं, इसलिए यह बहुत फिक्र की बात नहीं है। हालांकि द ऑस्ट्रेलियन के हाथ लगे सीक्रट डेटा में एसएम 39 ऐंटी-शिप मिसाइल की क्षमताओं का भी जिक्र है, जिसे संभवत: स्कॉर्पीन में इस्तेमाल किया जाना है।

डीसीएनएस के लीक डेटा में सबमरीन्स के निशाने साधने की क्षमता का भी जिक्र है। इसके अलावा उसकी लॉन्च डिटेल और फायरिंग से पहले यह कितने टारगेट्स को डाउनलोड किया जा सकता है, इसका भी ब्योरा दिया गया है। डीसीएनएस के वकील ने कहा था कि द ऑस्ट्रेलियन से कहा है कि उनकी कंपनी लीक डेटा के भविष्य में प्रकाशन को रोकने के लिए न्यू साउथ वेल्स के सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लड़ेगी।

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