scriptस्कॉर्पीन सबमरीन्स का डेटा हुआ लीक, जानिए इसकी 11 खास बातें, जिससे डरते हैं हमारे दुश्मन देश | Scorpene Submarines Data Leaked: Know In 11 Points Why It Is So Important For India | Patrika News

स्कॉर्पीन सबमरीन्स का डेटा हुआ लीक, जानिए इसकी 11 खास बातें, जिससे डरते हैं हमारे दुश्मन देश

Published: Aug 24, 2016 05:48:00 pm

Submitted by:

Abhishek Tiwari

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का कहना है कि यह लीक से ज्यादा हैकिंग का मामला लग रहा है

Scorpene Submarine Data Leak

Scorpene Submarine Data Leak

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के लिए फ्रांस की कंपनी की मदद से बन रही स्कॉरपीन सबमरीन्स की बेहद अहम जानकारियां लीक हो गई है। इन जानकारियों का खुलासा सिडनी के अखबार द्वारा किया गया है। द ऑस्ट्रेलियन अखबार के मुताबिक 22400 पेजों की जानकारी ने भारतीय नौसेना के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।

मामले के सामने आने के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि यह पूरी तरह से लीक का मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि यह हैकिंग का मामला भी हो सकता है। रक्षा मंत्री ने मामले की जांच के लिए नौसेना प्रमुख को आदेश दे दिया है।

हम आपको बता रहे हैं आखिर क्यों इतना महत्वपूर्ण है यह सबमरीन? जिसकी जानकारियां लीक होने से रक्षा महकमे में हडकंप मच गया है।

1. इस सौदे से जुड़ी सबसे अहम बात यह है कि यह 3.5 अरब अमरीकी डॉलर का है।

2. इन पनडुब्बियों को अपनी तरह की पनडुब्बियों में सबसे आधुनिक माना जाता है। ये पानी के भीतर इतनी कम आवाज़ करती हैं कि इनकी भनक लगना नामुमकिन न सही, बेहद मुश्किल ज़रूर होता है।

3. जो गोपनीय दस्तावेज़ अब सार्वजनिक हो चुके हैं, उनमें नई सबमरीन फ्लीट की युद्धक क्षमता के बारे में विस्तृत जानकारी मौजूद है।

4. इसकी सबसे अहम जानकारियों को ही लीक कर दिया गया है जैसे कि हज़ारों पृष्ठों में पनडुब्बी के सेंसरों के बारे में और कुछ हज़ार पृष्ठों में इसके संचार तथा नेवीगेशन सिस्टमों के बारे में विस्तार से बताया गया है। लगभग 500 पृष्ठों में सिर्फ टॉरपीडो लॉन्च सिस्टम के बारे में जानकारी दी गई है।

5. इसी पनडुब्बी के अन्य वेरिएंट मलेशिया और चिली इस्तेमाल करते हैं, और ब्राज़ील भी 2018 में इन्हीं को तैनात करने वाला है। इसके अलावा इसी साल अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया ने भी डीसीएनएस के साथ 50 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का सौदा किया है, लेकिन उनकी 12 शॉर्टफिन बैराकुडा पनडुब्बियों के लिए गुप्त युद्धक प्रणाली अमरीका द्वारा दी जा रही है।

6. छह स्कॉर्पियन पनडुब्बियों के निर्माण के लिए यह परियोजना चल रही है। फ्रांस की DCNS के साथ मिलकर बन रहे सबमरीन्स की टेक्नोलॉजी DRDO को भी देनी है।

7. DRDO का पूरा अधिकार है कि वह अपने तरीके से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सके। जानकारियां लीक हो जाने से DRDO के लिए भी इस प्रोजेक्ट पर काम करना मुश्किल हो गया है।

8. स्कॉरपीन का पहला सबमरीन्स मुंबई के मझगांव डॉक में बन रहा है। इस साल के अंत तक नौसेना में शामिल करने की योजना है। इस सबनरीन का नाम आईएनएस कलावरी है।

9. यह दिए गए निर्देशों को बहुत अच्छे तरीके से समझ कर काम करने में सक्षम है। यह क्षमता इसको बेहद अहम बना देती है।

10. यह तारपिडो से अटैक करने में सक्षम है। यह पानी के अंदर से औऱ सतह से भी मार करने का माद्दा रखता है।

11. यह वीपन्स लॉन्चिंग ट्यूब्स से लैस है। इस पनडुब्बी पर आप समुंदर में ही हथियार लोड औऱ अनलोड कर सकते हैं।
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