scriptस्कोर्पिन लीकः 3 साल तक एक रक्षा विशेषज्ञ ने छिपाए रखा डाटा | Scorpion leak: Defense expert hide leaded data for 3 years | Patrika News

स्कोर्पिन लीकः 3 साल तक एक रक्षा विशेषज्ञ ने छिपाए रखा डाटा

Published: Aug 27, 2016 04:35:00 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

अखबार द आस्ट्रेलियन ने दावा किया कि ये दस्तावेज तीन साल पहले ही एक रक्षा विशेषज्ञ को अज्ञात व्यक्ति ने भेजे थे और वह अब तक इन्हें छिपाए रहा

Scorpene-submarine

Scorpene-submarine

नई दिल्ली। भारत की स्कोर्पिन पनडुब्बी के लीक हुए गोपनीय दस्तावेजों को प्रकाशित करके सनसनी फैलाने वाले अखबार ‘द आस्ट्रेलियन’ ने आज दावा किया कि ये दस्तावेज तीन साल पहले ही एक रक्षा विशेषज्ञ को अज्ञात व्यक्ति ने भेजे थे और वह अब तक इन्हें छिपाए रहा। अखबार ने कहा कि अप्रैल 2013 में स्कोर्पिन पनडुब्बी के बारे में हजारों खुफिया जानकारी वाली एक सीडी सिडनी में एक मेल बाक्स में कोई डाल गया था। यह मेल बाक्स एक रक्षा विशेषज्ञ का था। यह खुफिया जगत के लिए जानकारियों के इस अनमोल खजाने को लीक करने से पहले वह पूरे तीन साल तक इस सीडी को अपने पास रखे रहा। इस व्यक्ति ने खुद को व्हिसल ब्लोअर बताया है।

इस सीडी में मझगांव डॉक लिमिटेड में फ्रेंच जहाजरानी कंपनी डीसीएनएस की मदद से साढ़े तीन अरब डॉलर की भारत की पनडुब्बी परियोजना के बारे में अनेक गुप्त सूचनायें भरी पड़ी थीं। चूंकि डीसीएनएस ने रॉयल आस्ट्रेलियन नेवी के लिए भी 10 पनडुब्बियां विकसित करने का ठेका हासिल किया है। इसलिए इस खुलासे ने भारत और फ्रांस के साथ आस्ट्रेलिया की सरकार की भी नींद उड़ा दी है।

हालांकि तीनों देशों की चिंताओं के कारण अलग-अलग हैं। इस लीक कांड का सबसे ज्यादा असर भारत पर हुआ है जिसकी अभेद्य सुरक्षा वाली पनडुब्बियों की जानकारी सबके सामने आ गई है। लीक हुए करीब 22400 दस्तावेज इस पनडुब्बी का पूरा डोजियर है जो अगले पांच दशक से अधिक समय तक दुश्मन पर पानी के भीतर से निगाह रखती। पर अब इसकी सभी संभावित जानकारियां देश के दुश्मनों के हाथ लगने का डर पैदा हो गया है। ‘द ऑस्ट्रेलियन ‘ ने आज इस लीक कांड के पीछे की असल कहानी के खुलासे का दावा किया है, लेकिन यह नहीं बताया कि व्हिसल ब्लोअर ने तीन साल तक इन गोपनीय दस्तावेजों को अपने पास क्यों रखा।

इस बीच भारतीय नौसेना ने इस मामले को फ्रांसीसी सरकार के शस्त्रागार के महानिदेशक के सामने उठाते हुए इस घटना पर चिंता जताई और फ्रांस की सरकार से तुरंत इस मामले की जांच करने और जांच रिपोर्ट को भारत के साथ साझा करने का आग्रह किया। नौसेना ने इस लीक के कारण उसकी सुरक्षा को लेकर पैदा हुए किसी भी संदेह को दूर करने के लिये एक आंतरिक जांच के आदेश दिये हैं। इस लीक की सत्यता की जांच के लिये कूटनीतिक स्तर पर इस विषय पर विदेशी सरकारों के साथ भी बात हो रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो