ऑस्ट्रेलियन अखबार ने स्कॉर्पीन सबमरीन लीक मामले में एक डॉक्यूमेंट अपलोड कर मामले को और तूल देने की कोशिश की
पत्रिका न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली/पेरिस। ऑस्ट्रेलियन अखबार ने स्कॉर्पीन सबमरीन लीक मामले में एक डॉक्यूमेंट अपलोड कर मामले को और तूल देने की कोशिश की है। भारत और फ्रांस सरकार के मुताबिक इससे भारत की सुरक्षा को नुकसान होने की संभावना न के बराबर है। अखबार ने अब जिस डॉक्यूमेंट को अपलोड किया है, उसमें बताया है कि इसका आपरेटिंग सिस्टम कैसे काम करता है। एक रक्षा विशेषज्ञ का कहना है कि पहले भी अखबार ने डिटेल्स को अपलोड कर उसे ब्लैक्ड आउट कर दिया था। इस बार नया कुछ नहीं होने वाला है। नये डॉक्यूमेंट मेंं सोनार सिस्टम के बारे में जानकारी है, इसका उपयोग पानी में इंटेलिजेंस वर्क के लिए होता है।
इसमें सोनार के स्पेसीफिकेशन का खुलासा किया है कि यह किस डिग्री-फ्रीक्वेंसी पर काम करता है। साथ ही ये बात भी शामिल है कि छह सबमैरिंस का अंडरवाटर वारफेयर सिस्टम का निर्माण फ्रांस के डीसीएनएस कंपनी ने किया है। इसी तरह आपरेटिंग इंस्ट्रक्शन मैन्युअल के तहत इस बात का जिक्र किया गया है कि लक्ष्य को साधने के लिए हथियारों को उपयोग और चयन कैसें करें। वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पॢरकर का कहना है कि डाटा लिक से देश की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है।
इस मामले में भारतीय नौसेना की तरफ से कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है। कहा जा रहा है ऑस्ट्रेलियन अखबार ने जिस तरह की सूचनाएं लीक की है वैसी कई डिफेंस वेबसाइट पर पहले से ही हैं। डाक्यूमेंट से ऐसा कहीं से नहीं लगता कि यह डाक्यूमेंट इंडिया से लीक हुआ है। लीक को लेकर जिस सब कांट्रेक्टर के बारे में जानकारी मिली उसे कई वर्ष पूर्व भारत में प्रशिक्षण के दौरान नौकरी से निकाल दिया गया था। हालांकि इस बात की संभावना है कि कहीं उसी ने तो मैटर चोरी नहीं कर लिया था, पर डीसीएनएस का कहना है कि उसे हटाने से पहले ही डाटा रिमूव्ड कर दिया गया था।