इलाहाबाद
हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में कई चर्चित आईएएस अफसरों को रिटायरमेंट के
बाद भी महत्वपूर्ण पदों पर बनाए रखने और सेवा विस्तार पर कड़ा रुख अपनाया
है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में कई चर्चित आईएएस अफसरों को रिटायरमेंट के बाद भी महत्वपूर्ण पदों पर बनाए रखने और सेवा विस्तार पर कड़ा रुख अपनाया है।
हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से पूछा है कि किस जनहित के तहत इन अधिकारियों को सेवा विस्तार दिया गया है। कोर्ट ने सेवा विस्तार पाए रिटायर्ड आईएएस अफसरों का ब्योरा भी तीन हफ्ते में देने को कहा है।
अगली सुनवाई 26 नवम्बर को होगी।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड व जस्टिस एसएन शुक्ला की पीठ ने एक स्थानीय पत्रकार द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिया है।
याचिका में दलील दी गई है कि राज्य सिविल सेवा रेगुलेशन के पैरा 520 के तहत रिटायरमेंट के बाद केवल जनहित के आधार पर ही आईएएस को सेवा विस्तार दिया जा सकता है।
सेवा विस्तार देने का सरकार का अधिकार निरंकुश नहीं है। उल्लेखनीय है कि शम्भू सिंह यादव, एसके रघुवंशी, अजय अग्रवाल, प्रभात मित्तल और मुकेश मित्तल समेत कई रिटायर्ड आईएएस को सेवा विस्तार दे दिया गया है।