scriptTERI में पचौरी की दोबारा नियुक्ति रोगंटे खड़ी करनी वाली: पीड़िता | sexual harassment victim slams the appoinment of pachauri in teri | Patrika News

TERI में पचौरी की दोबारा नियुक्ति रोगंटे खड़ी करनी वाली: पीड़िता

Published: Feb 10, 2016 09:34:00 am

Submitted by:

Abhishek Tiwari

पीड़िता ने आरके पचौरी को टेरी का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने के फैसले को शर्मनाक बताया है

rk pachauri

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नई दिल्ली। आरके पचौरी को टेरी का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली युवती ने टेरी की कड़ी आलोचना की है। पीड़िता ने पचौरी को हरित निकाय का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त करने के फैसले को शर्मनाक बताया है।

युवती ने कहा है कि इस फैसले ने उसके रोंगटे खड़े कर दिए हैं और वह इस मामले को तार्किक अंजाम तक लेकर जाएगी। एक खुले पत्र में टेरी (द एनर्जी ऐंड रिसर्च इंस्टिट्यूट) की पूर्व कर्मचारी ने कहा कि टेरी की संचालन परिषद का फैसला घृणित है। संस्थान ने पचौरी के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप होने के बावजूद उन्हें संस्थान को चलाने के लिए कार्यकारी शक्तियों के साथ उनकी नियुक्ति की है।

हालांकि, पचौरी के वकील आशीष दीक्षित ने कहा कि नियुक्ति में कुछ भी गलत नहीं है और शिकायतकर्ता विवाद को जिंदा रखने और अदालती कार्यवाही में विलंब करने का प्रयास कर रही है। शिकायतकर्ता ने कहा कि ये पूरी बेशर्मी है। कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, पीछा करने और आपराधिक धमकी के आरोपों का सामना कर रहे व्यक्ति को पदोन्नति के समाचार ने मेरे रोंगटे खड़े कर दिए हैं। पचौरी को टेरी का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पचौरी के लिए ही इस पद को बनाया गया था। हालांकि, यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर पचौरी के खिलाफ न्यायिक कार्यवाही चल रही है। पचौरी फिलहाल जमानत पर हैं।

टेरी की संचालन परिषद के सदस्यों में एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारेख, एचएसबीसी बैंक की पूर्व अध्यक्ष नैना लाल किदवई, डीएसपी ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट के अध्यक्ष हेमेंद्र कोठारी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव शैलेश नायक और टेरी में फैलो लीना श्रीवास्तव शामिल हैं। टेरी ने कहा कि पचौरी ने पिछले साल जुलाई में अदालत की अनुमति से महानिदेशक का पद संभाला था और नियमों का पूरी तरह पालन करने के बाद उन्हें टेरी का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। पचौरी कार्यकारी उपाध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति से पहले महानिदेशक के पद पर कार्य कर रहे थे। युवती ने आरोप लगाया कि अदालत के बाहर मामले में समझौता करने पर उसे मजबूर करने के लिए कई प्रयास किए गए लेकिन उसने पत्र में कहा कि वह मामले को तार्किक अंजाम तक ले जाएगी।

शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने सुना था कि पचौरी टेरी में पांव जमाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उसे विश्वास नहीं हुआ था। उसने कहा कि तीन अक्तूबर 2015 के आस-पास मैंने इसे कुछ मौजूदा और पूर्व साथियों से सुना। मैं इस बारे में सोचने को लेकर संशय में थी कि संस्था मौजूदा दहकती आग पर इतना घटिया तेल नहीं छिड़केगी। मैं बिल्कुल गलत थी। महिला ने कहा कि उसने पचौरी को टेरी के महानिदेशक पद से बर्खास्त करने की मांग को लेकर पिछले साल तीन अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। उसने कहा, मैं दर-दर भटक रही हूं। मैं नहीं जानती थी कि क्या करूं। इसलिए मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा लेकिन मुझे उनके कार्यालय से अब तक उस बारे में कुछ भी सुनने को नहीं मिला।
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