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शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं की पूजा पर आज होगा फैसला!

Published: Feb 06, 2016 01:04:00 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

अहमदनगर के कलेक्टर ने बातचीत के लिए सभी पक्षों की बैठक बुलाई, मंदिर ट्रस्ट और रणरागिनी भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ती देसाई भी आएंगी

Shani Tample

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं की पूजा को लेकर चल रहे विवाद के आज थमने के आसार दिख रहे हैं। शनिवार को अहमदनगर के कलेक्टर ने बातचीत के लिए सभी पक्षों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में मंदिर ट्रस्ट और रणरागिनी भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ती देसाई शामिल होंगे। तृप्ति देसाई इस आंदोलन का नेतृत्व कर रही हैं। शनि शिंगणापुर मंदिर में शनि देव के चबूतरे पर महिलाओं के पूजा करने की परंपरा नहीं है।

टूटी थी 400 साल पुरानी पंरपरा
मुंबई से करीब तीन सौ किलोमीटर दूर शनि शिंगणापुर मंदिर में महिला श्रद्धालु के दर्शन के बाद से विवाद शुरू हुआ था। एक युवती ने 400 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए शनि की मूर्ति पर तेल चढ़ा दिया था। इसके बाद मंदिर प्रशासन ने महिला को रोकने के लिए महिला पुलिस को तैनात किया था। शनि मंदिर के एक ट्रस्टी ने कहा कि इससे मंदिर में मौजूद सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई। घटना के बाद 7 सिक्योरिटी गाड्र्स को सस्पेंड कर दिया गया। घटना के बाद आहत ग्राम सभा ने मंदिर का शुद्धीकरण करने का फैसला लिया और सभी आवश्यक धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण किए।

भूमाता ब्रिगेड की करीब 400 महिलाओं ने किया था प्रदर्शन
इसके बाद भूमाता ब्रिगेड ने शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को पूजा का अधिकार दिए जाने की वकालत की थी। इस मांग को लेकर 26 जनवरी को करीब 400 महिलाओं के साथ मंदिर के लिए कूच किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें कई लगभग 70 किमी किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया। इससे पहले मंदिर ट्रस्ट से फैसले के विरोध में महिला एक्टिविस्ट और भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस से मुलाकात करके मामला सुलझाने की अपील की थी।

विवाद में कूदा था संघ, रामदेव भी महिलाओं के पक्ष में आए थे
मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी को लेकर चले विवाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और योगगुरु रामदेव भी कूद थे। संघ ने परंपरा को सही ठहराया था। संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर ने संवाद के जरिए इस मामले का समाधान तलाशने की वकालत की है। वहीं, योगगुरु रामदेव ने मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश करने और लैंगिक आधार पर भेदभाव खत्म करने की मांगें कर रही महिलाओं का समर्थन करते हुए कहा कि किसी भी धर्म में किसी महिला के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री ने दिया था विवादित बयान
महिलाओं के मंदिर में प्रवेश को लेकर चले विवाद में मध्यप्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल गौर का एक बेतुका बयान आया भी सामने आया था। उन्होंने कहा था महिलाएं घर में ही पूजा कर लें। राजधानी भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों ने गृहमंत्री गौर से सवाल किया कि आज देश में महिलाओं के धार्मिक स्थल में प्रवेश को लेकर बहस चल रही है, इस पर आपकी क्या राय है। इस पर गौर ने कहा कि अरे छोड़ो, यह भी कोई मुद्दा है…महिलाएं घर में ही पूजा कर लें।

शनि मंदिर ट्रस्ट में दी गई महिलाओं को जगह
हाल ही में मुंबई के शिंगणापुर स्थित लोकप्रिय धर्म स्थल श्री शनि मंदिर के ट्रस्ट में पहली बार महिलाओं को जगह दी गई। अनीता शेटे नाम की एक महिला को ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना गया। शनि शिंगणापुर के अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में महिला को विजयी घोषित कर उनकी नियुक्ति की बात कही गई है।
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