84 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम अब हमारे बीच नहीं रहे, कलाम का शिलांग के अस्पताल में निधन हो गया
शिलांग। 84 वर्षीय
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम अब हमारे बीच नहीं रहे। कलाम का शिलांग के अस्पताल में निधन हो गया। वे
मेघालय के आईआईएम के एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करने गए थे। जहां अचानक आए
हार्ट अटैक के कारण उनकी मौत हो गई। उनका अंतिम संस्कार रामेश्वरम में किया जाएगा।
डॉ. कलाम के पार्थिव शरीर को हेलिकॉप्टर द्वारा गुवाहाटी हवाई अड्डे पर भेजा गया। गुवाहाटी से विमान से डॉ. कलाम के शव को दिल्ली लाया गया। इस दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल नजीब जंग, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी, मनीष सिसोदिया, तीनों सेना प्रमुख ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
इससे पहले राज्य के उप मुख्यमंत्री आर सी लालू ने मंत्रिमंडल के अपने सहयोगियों के साथ अस्पताल पहुंच कर कलाम को श्रद्धांजलि दी।
वहीं वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के बाद हजारों लोगों ने “कलाम अमर रहे” के नारे लगाये। शिलांग में जैसे ही लोगों को पूर्व राष्ट्रपति के निधन के बारे में पता चला हजारों लोग अपने चहेते वैज्ञानिक और नेता को श्रद्धांजलि देने बेथनी अस्पताल के बाहर जमा होने लगे। अस्पताल के बाहर “कलाम अमर रहे” के नारे गूंजने लगे।
कलाम की अंत्येष्टि रामेश्वरम में होगी नई दिल्ली/रामेश्वरम। पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की अंत्येष्टि उनके परिजनों की इच्छा अनुसार तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम में उनके गृहनगर में होगी। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर ने मंगलवार को घोषणा की, “अंत्येष्टि रामेश्वरम में होगी।”
तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कलाम की अंत्येष्टि उनके गृहनगर में होने की पुष्टि की। कलाम के भाई के पोते ए.पी.जे.ए.के. शेख सलीम ने बताया, बड़ी संख्या में रिश्तेदार, मित्र, शुभचिंतक और आम लोग रामेश्वरम स्थित कलाम के घर पर एकत्रित हुए हैं।
रामेश्वरम चेन्नई से करीब 600 किलोमीटर दूर है और यह रामनाथपुरम जिले के अंतर्गत आता है। कलाम का जन्म रामेश्वरम में हुआ था और बचपन बेहद गरीबी में बीता था।
रामेश्वरम के एक अधिकारी के अनुसार, प्रशासन अंत्येष्टि के लिए जरूरी इंतजाम कर रहा है, क्योंकि कलाम को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हजारों लोगों के जुटने की संभावना है। परिजन उनकी अंत्येष्टि के लिए संभावित जगह पर भी विचार-विमर्श कर रहे हैं। सलीम ने कहा कि कलाम का पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर तक रामेश्वरम पहुंचने की संभावना है।
कलाम के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के सम्मान में देश भर में सात दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा। डा. कलाम का कल शाम शिलांग में निधन हो गया था। गृह मंत्रालय के अनुसार कलाम के सम्मान में 27 जुलाई से 02 अगस्त 2015 (दोनों दिन शामिल) तक राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा। इस अवधि के दौरान देशभर में सभी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा । इस दौरान सरकारी स्तर पर किसी भी तरह के मनोरंजन कार्यक्रम या समारोह का आयोजन नहीं किया जाएगा।