मुंबई। शिवसेना ने पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों की कथित तौर पर नयी दिल्ली स्थित उनके कार्यालय से ‘जासूसी’ रेकैट चलाने और इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को खुफिया जानकारी मुहैया कराने की कड़े शब्दों में आलोचना की है। केंद्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी पार्टी ने इस रैकेट में संलिप्त सभी पाकिस्तानी अधिकारियों को निष्कासित करने की मांग की है।
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय के अनुसार शिवसेना का मानना है कि उच्चायोग के कार्यालय का उपयोग राजनीतिक कारणों के लिये होना चाहिए, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारी इसका उपयोग आईएसआई को खुफिया जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से कर रहे थे। सामना के अनुसार पाकिस्तानी उच्चायोग का एक अधिकारी महमूद अख्तर कथित रूप से इस रैकेट में शामिल था और उसे निष्कासित किया जा चुका है।
अख्तर जासूसी रैकेट का मास्टरमाइंड था और शिवसेना ने आरोप लगाते हुये कहा कि पाकिस्तानी उच्चायोग के सभी 16 अधिकारी इसमें शामिल है। संपादकीय के अनुसार, चार या पांच पाकिस्तानी अधिकारी को निष्कासित करना काफी नहीं है,जासूसी रैकेट में शामिल सभी 16 अधिकारियों को देश से बाहर करना चाहिये। अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार अन्य देश के राजनेता को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और न ही उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है। पाकिस्तानी उच्चायोग इसी का फायदा उठा रहा है।
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