ट्रिपल तलाक को खत्म करने के मुद्दे पर शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपना समर्थन जताया है। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि अगर एक सांस में ट्रिपल तलाक सही तो फिर मोहम्मद साहब के समय क्यों नहीं हुए?
उन्होंने कहा, जिस मसले पर अभी बात हो रही है, वह बेहद गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। ट्रिपल तलाक गलत है और इससे मुस्लिम महिलाओं का उत्पीड़न हो रहा है। कुरान पाक, हदीस या किसी भी जगह पर ऐसा नहीं लिखा है कि एक सांस में आप ट्रिपल तलाक कहें और रिश्ता खत्म हो जाएगा। तीन क्या तीन लाख मर्तबा अगर आप तलाक कहते रहेंगे तो भी इससे शादी नहीं खत्म होती। जो ट्रिपल तलाक के हिमायती हैं उनसे केवल एक बात पूछना चाहता हूं कि अगर यह सही है तो फिर मोहम्मद साहब के समय में इस तरह के तलाक क्यों नहीं हुए? वह बता दें कि कितने तलाक मोहम्मद साहब के समय में तीन बार तलाक कहकर हुए। वह एक भी उदाहरण दे सकें तो मैं धर्म बदल लूंगा।’
भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में तीन तलाक उचित नहीं: नायडू
उधर, सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने तीन तलाक की प्रथा को समाप्त करने की जोरदार वकालत करते हुए कहा है कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में भारतीय मुस्लिम महिलाओं को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। नायडू ने आज प्रकाशित एक लेख में कहा कि तीन तलाक और बहुविवाह की प्रथा कई मुस्लिम देशों में समाप्त हो चुकी है। ऐसे में भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में भारतीय मुस्लिम महिलाओं को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय को ऐसे मामलों में निर्णय देने का अधिकार है और उसके आदेश या निर्देश का हर किसी को पालन करना होगा, चाहे वह किसी धर्म, क्षेत्र या जाति का हो और किसी को ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए, जिससे न्यायपालिका के सम्मान को चोट पहुंचती हो। नायडू ने इस बात पर चिंता जतायी कि कुछ राजनीतिक दल अपने वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए ऐसी प्रतिगामी और महिला विरोधी प्रथाओं का ढिठाई से समर्थन करने से पहले एक बार भी नहीं सोचते हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली और विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद के बाद नायडू मोदी सरकार के तीसरे मंत्री हैं, जिन्होंने विभिन्न कारणों के हवाले से तीन तलाक की प्रथा को समाप्त करने को उचित बताया है।