scriptदो मोर्चों पर जंग के लिए वायु सेना के पास नहीं हैं विमान | Short on jets to fight war on 2 fronts : IAF | Patrika News

दो मोर्चों पर जंग के लिए वायु सेना के पास नहीं हैं विमान

Published: Mar 10, 2016 05:45:00 pm

एयर मार्शल धनोआ ने कहा कि वायु सेना के पास एक साथ दो मोर्चों पर हवाई
अभियान चलाने की स्थिति के लिए पर्याप्त लड़ाकू विमान नहीं हैं

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नई दिल्ली। लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही वायु सेना ने दो मोर्चों पर एक साथ हवाई जंग लडऩे में असमर्थता जताते हुए गुरुवार को कहा कि उसके पास इसके लिए पर्याप्त लडाकू विमान नहीं हैं। वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल बी एस धनोआ ने राजस्थान की पोखरण रेंज में वायु सेना के सबसे बड़े युद्धाभ्यास से पहले संवाददाताओं से यह बात कही। पोखरण में आगामी 18 मार्च को सौ से भी अधिक लड़ाकू विमान तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की मौजूदगी में ‘आयरन फीस्ट’ युद्धाभ्यास में अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।

एयर मार्शल धनोआ ने कहा कि वायु सेना के पास एक साथ दो मोर्चों पर हवाई अभियान चलाने की स्थिति के लिए पर्याप्त लड़ाकू विमान नहीं हैं। सरकार को इसकी जानकारी है और इसीलिए फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान सीधे सरकार के स्तर पर खरीदे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वायु सेना को और भी बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान चाहिए, लेकिन इसके बारे में निर्णय 36 राफेल विमानों के सौदे के पूरा होने के बाद ही लिया जाएगा।

हर तीन साल में होने वाले आयरन फीस्ट युद्धाभ्यास में वायु सेना के 181 विमान अपने जौहर दिखाएंगे जिनमें 103 लड़ाकू विमान होंगे। एयर मार्शल धनोआ ने कहा कि वायु सेना को हल्के लड़ाकू विमान तेजस का एक स्कवाड्रन जल्दी ही मिलने वाला है, लेकिन इसके बाद भी उसके पास विमानों के 34 सक्रिय स्कवाड्रन ही होंगे, जबकि उसे 40 स्कवाड्रनों की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि लड़ाकू विमानों की उपयोगिता बढ़ाकर इस कमी से कुछ हद तक निपटा जा सकता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आयरन फीस्ट युद्धाभ्यास में कई देशों के रक्षा अताचियों को बुलाया गया है, लेकिन पाकिस्तान और चीन के रक्षा अताची इसमें शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि इन दोनों देशों को निमंत्रण नहीं दिया गया है।

एयर मार्शल ने कहा कि पाकिस्तान और चीन के रक्षा अताची को नहीं बुलाने का निर्णय विदेश मंत्रालय तथा रक्षा मंत्रालय के स्तर पर लिया गया है। इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के शुरुआती सफर से लेकर एक बड़ी हवाई ताकत बनने के सफर को भी देखा जा सकेगा। वायु सेना के लड़ाकू विमान मारक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए हैरतअंगेज करतब दिखाएंगे। इसके अलावा वायु सेना के विशेष कमांडो गरूड भी अपने रण कौशल और हर तरह की स्थिति से निपटने की क्षमता दिखाएंगे।
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