साध्वी त्रिकाल भवंता ने बताया, साघ्वियों के स्नान के लिए अलग जगह मांगी थी, नहीं मिली तो साघ्वियों ने शाही स्नान का बहिष्कार किया। शाही स्नान में दोपहर तक पांच लाख लोग ही पहुंचे। गुजरात में पटेल आंदोलन और रक्षाबंधन की वजह से कुंभ में कम श्रद्धालु आए।
शोभायात्रा धीमे चली तो दूसरे अखाडे ने की आपत्ति
दोनों अखाड़ों की शोभायात्रा निकाली जा रही थी। दिगंबर अखाड़ा अपने तय वक्त से धीरे चल रहा था। इससे नाराज निर्मोही अखाड़ा, दिगंबर अखाड़े के रथ को रोककर और अपनी यात्रा शुरू करने लगा। इसी खींचतान में निर्मोही अखाड़े के महामंत्री महंत श्यामसुंदरदास महाराज का दिगंबर के महंतों से विवाद हो गया। फिर साधुओं ने रथों की सजावट तोड़ने की भी कोशिश की। पुलिस ने विवाद खत्म करने की कोशिश पर यात्रा में तनाव फैल गया। उधर, कुंभ में रामकुंड में डूबने से एक श्रद्धालु की मौत हो गई है।