सियाचिन हिमस्खलन : जिंदा मिले जवान की हालत गंभीर
Published: Feb 09, 2016 08:19:00 pm
सेना द्वारा मंगलवार को जारी बयान में कहा गया कि उसकी हालत नाजुक है और वह अभी भी कोमा में है
नई दिल्ली/जम्मू। लद्दाख क्षेत्र के सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन की घटना के छह दिन बाद सोमवार को भारतीय सेना का एक जवान 35 फीट बर्फ के अंदर जीवित मिला। सेना द्वारा मंगलवार को जारी बयान में कहा गया कि उसकी हालत नाजुक है और वह अभी भी कोमा में है। उसे दक्षिणी दिल्ली के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अस्पताल द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया कि लांस नायक हनुमानथप्पा कोप्पड़ को आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया है और हालत अभी भी नाजुक है। ठंड में शरीर के अंदर रक्त का बहाव थमा हुआ है। रक्त संचार सामान्य होने में अभी 24 से 48 घंटे लगेंगे। बताया गया कि जवान को निमोनिया है तथा लीवर व किडनी में संक्रमण फैल चुका है। सौभाग्य से बर्फ के अंदर होने के कारण कोई अंग बेकार नहीं हुआ है और न ही हड्डियों को कोई नुकसान हुआ है।
हनुमानथप्पा का इलाज कई तरह के विशेषज्ञ मिलकर कर रहे हैं, जिनमें न्यूरोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, एंड्रोक्राइनोलॉजिस्ट, इंटेंसिविस्ट और सर्जन शामिल हैं। उसके रक्तचाप को सामान्य स्तर पर लाने के लिए कई दवाइयां दी जा रही हैं। तीन फरवरी को सियाचिन ग्लेशियर में जबर्दस्त हिमस्खलन हुआ था। इसके बाद से ही लांस नायक हनुमानथप्पा कोप्पड़ सहित 19 मद्रास रेजीमेंट के 10 जवान लापता थे।
दिल्ली में अधिकारियों ने कहा कि हनुमानथप्पा की हालत नाजुक है। उन्होंने बताया कि लांस नायक को दक्षिणी दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। यह लांस नायक बचावकर्मियों को सोमवार को मिला था।
जीओसी उत्तरी कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. हुड्डा ने मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में कहा, अफसोस कि बाकी सैनिक अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने कहा, हमें चमत्कार की उम्मीद है। दुआएं हमारे साथ हैं।