हिंदू संगठन युवा मोर्चा और स्थानीय लोगों ने बनाये कड़े नियम। मुसलमानों के कार्यक्रम में आने पर पाबंदी, हिंदू माथे पर तिलक लगाकर आएं
राजकोट। कच्छ के मांडवी ताल्लुका में नवरात्रि पर आयोजित होने वाले गरबा महोत्सव में इस साल नियमों को लेकर बेहद कड़ाई की गई है। इस साल के गरबा कार्यक्रम में मुसलमानों के घुसने पर रोक लगा दी गई है। हिंदू संगठन युवा मोर्चा जो कि एक स्थानीय हिंदू संस्था है, और स्थानीय गरबा आयोजकों ने मिलकर इस इस साल कई अजीबो गरीब किस्म के नियम बनाए है। हिंदू संगठन युवा मोर्चा के नियमों के अनुसार इस साल कार्यक्रम में आने वाले लोगों को पहले अपने ऊपर गौमूत्र छिड़कना होगा और अपने माथे पर तिलक लगाना होगा। जो लोग ऐसा करेंगे सिर्फ उन्हें ही कार्यक्रम में आने की अऩुमति दी जाएगी।
संगठन के अध्यक्ष रघुवीरसिंह जडेजा के अनुसार, “हमने पिछले साल भी गैर-हिंदू लोगों के गरबा महोत्सव में घुसने पर पाबंदी लगाई थी, लेकिन इस साल ये प्रतिबंध अधिक कड़ाई और जाहिरी तौर पर लागू किए गए हैं। नवरात्रि एक धार्मिक त्योहार है जिसमें भक्त 9 दिनों तक देवी की पूजा करते हैं। हम लव जिहाद के बढ़ते मामलों को लेकर भी काफी चिंतित हैं।”
इन सारे नियम कायदों से इतर एक रोचक तथ्य यह भी है कि मांडवी ताल्लुका एक मुस्लिम बाहुल्य इलाका है और यहां के ज्यादातर मुस्लिम नाव बनाने का कारोबार करते हैं। सूत्रों के मुताबिक युवा मोर्चा संगठन के अध्यक्ष रघुवीर सिंह जडेजा एक बिजनेसमैन हैं और उन्होंने एक साल पहले ही यह संगठन बनाया है। जानकारी के मुताबिक यह संगठन विश्व हिंदू परिषद से काफी नजदीक से जुड़ा हुआ है।
मांडवी ताल्लुका में लगभग 6 बड़े गरबा महोत्सव आयोजित होने हैं। स्थानीय मुस्लिम नेता आजम अंगाडिया जो कि कच्छ वहानवता संगठन के उपाध्यक्ष भी हैं, ने बताया, “हम आने वाले 1-2 दिन में मिलकर इस फरमान के ऊपर अपनी प्रतिक्रिया और अपना पक्ष तय करने वाले हैं। कुछ तत्व हैं जो जानबूझकर यहां का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।” कच्छ के एक बीजेपी नेता ने कहा, “मांडवी में हिंदू और मुस्लिम लंबे समय से शांति और आपसी प्यार के माहौल में रह रहे हैं। यहां कई हिंदू ऐसे हैं जो कि रमजान के दौरान रोजा रखते हैं और मुस्लिम हैं जो कि गणेश चतुर्थी के जश्न में शामिल होते हैं। ऐसे प्रतिबंध काफी नकारात्मक हैं। यहां किसी भी तरह की सांप्रदायिक लड़ाई या मनमुटाव नहीं है।”