scriptIAS Officers को एक हफ्ते से ज्यादा सस्पेंड नहीं कर सकेंगी राज्य सरकारें | State govt will not be able to suspend IAS more than a week | Patrika News

IAS Officers को एक हफ्ते से ज्यादा सस्पेंड नहीं कर सकेंगी राज्य सरकारें

Published: May 03, 2015 06:48:00 pm

राज्य सरकारों को अखिल भारतीय सेवा के किसी अधिकारी के निलंबन के बारे में 48 घंटे के भीतर केंद्र सरकार को सूचना देनी होगी।

IAS suspension

IAS suspension

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक नए नियम के तहत अब राज्य सरकारें किसी भी आईएएस या आईपीएस अधिकारी को एक हफ्ते से ज्यादा समय तक के लिए निलंबित नहीं रखा सकतीं। हालांकि यह नियम उन मामलों को छोड़कर लागू होगा, जहां राज्य सरकारों की समीक्षा समिति ने इसकी पूर्व अनुमति दी हो। यदि सरकार की यह नियमावली प्रभाव में आती है तो राज्य सरकारों को अखिल भारतीय सेवा के किसी अधिकारी यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के निलंबन के बारे में 48 घंटे के भीतर केंद्र सरकार को सूचना देनी होगी।

काफी समय से मांग कर रहे थे नौकरशाह-

नौकरशाह काफी समय से मांग करते रहे हैं कि राज्य सरकारों द्वारा मनमर्जी से उनका निलंबन आौर स्थानांतरण किए जाने पर रोक लगाए जाने की आवश्यता है। अशोक खेमका, दुर्गा शक्ति नागपाल और कुलदीप नारायण जैसे अन्य अधिकारी मनमाने ढंग से निलंबन और कथित तबादलों के शिकार हो चुके हैं। अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) संशोधन नियम 2015 के मसौदे के अनुसार निलंबन को एक हफ्ते से अधिक जारी रखने के लिए उचित सरकार को सिविल सर्विसेज बोर्ड या केंद्रीय समीक्षा समिति की अनुशंसा की जरूरत होगी। केंद्र की समीक्षा समिति का नेतृत्व संबंधित मंत्रालय (आईएएस के लिए कार्मिक, आईपीएस के लिए गृह और आईएफओएस के लिए वन) के सचिव द्वारा किया जाता है, जबकि राज्य स्तर पर इसका नेतृत्व मुख्य सचिव के पास होता है।

नियमावली में किया गया संशोधन-

नई नियमावली में संशोधन करके यह अनिवार्य किया गया है कि राज्य सरकार आईएएस, आईपीएस और आईएफओएस के निलंबन के केंद्र के आदेश की 30 दिन के भीतर पुष्टि करे। मौजूदा नियमावली में यह अवधि 45 दिन की है। नए नियम के मुताबिक, सेवा के किसी सदस्य को निलंबित किए जाने या निलंबन जैसी स्थिति में रखे जाते ही, इस संबंध में भारत सरकार को तेजी से और निश्चित तौर पर 48 घंटे के भीतर सूचना पहुंचाई जानी होगी। मौजूदा नियमावली में इसके लिए कोई समयसीमा नहीं है। कार्मिक मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से सलाह-मशविरे के बाद नए नियम तय किए हैं। इसने गृह और वन मंत्रालयों से आगे की टिप्पणियों के लिए इन मसौदा नियमों को वितरित कर दिया है।
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