script‘सौतेले माता-पिता बच्चे के भरण पोषण के लिए जिम्मेदार नहीं’ | Step parents not liable for maintenance of step child: Gujarat Highcourt | Patrika News

‘सौतेले माता-पिता बच्चे के भरण पोषण के लिए जिम्मेदार नहीं’

Published: Oct 10, 2015 10:47:00 am

जस्टिस जेबी पारदीवाला ने माना कि कानून में ऎसा कोई नियम नहीं है जिससे एक व्यक्ति अपने जीवनसाथी के दूसरे साथी से पैदा हुए बच्चे को सहारा दे।

high court issues notice

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अहमदबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि सौतेले माता-पिता सौतेले बच्चे की परवरिश करने के लिए जिम्मेदार नहीं है। कोर्ट ने कहाकि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत केवल खून के रिश्तों में ही यह अनिवार्य है। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने माना कि कानून में ऎसा कोई नियम नहीं है जिससे एक व्यक्ति अपने जीवनसाथी के दूसरे साथी से पैदा हुए बच्चे को सहारा दे।

उन्होंने कहाकि ऎसे कानून की जरूरत है जिससे जैविक माता-पिता के न होने पर लाचार बच्चों को सहारा मिल सके। हाईकोर्ट ने अन्य हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के इस संबंध में दिए गए आदेशों का अध्ययन भी किया। यह आदेश मुख्यतया हिंदू मेंटीनेंस एक्ट, सीआरपीसी की धारा 125 व 488 और मनु के सिद्धांतों के आधार पर दिए गए हैं। सीआरपीसी की धारा 125 में वैध और अवैध संतान के भरण-पोषण का नियम तो है लेकिन दूसरों के बच्चों के बारे में कोई कानून नहीं है।



कोर्ट कोे यूनाइटेड किंगडम के फैमिली रिलेशंस एक्ट में सौतेले माता-पिता द्वारा ऎसे बच्चों के भरण पोषण का कानून मिला। जज ने इस कानून की धारा का उल्लेख करते हुए कहाकि कानून निर्माताओं को लाचार बच्चों की मदद के लिए इस मुद्दे को उठाना चाहिए। यह कहते हुए हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें एक महिला को अपनी सौतेली बेटी को हर महीने 3000 रूपये देने को कहा गया था।

यह था मामला
प्रकाश सर्वेया ने आशा नाम की महिला से शादी की। दोनों के जाह्नवी नाम की बेटी हुई। बाद में दोनों पति-पत्नी अलग हो गए और प्रकाश ने बाद में दोबारा शादी क र ली। सर्वेया की मौत के बाद जाह्नवी अपनी सौतेली मां मंजुला के पास रहने लगी। मंजुला को अपने पति की जगह अनुकंपा नौकरी मिल गई। जाह्नवी के दादा छगनलाल ने कोर्ट के जरिए उसकी कस्टडी ले ली। पिछले साल जाह्नव और उसके दादा ने सौतेली मां से भरण-पोषण देने की मांग की। मंजुला ने हाईकोर्ट में अपील कर कहाकि प्रकाश की मौत के बाद उनके पिता को बीमा के 23 लाख रूपये मिले थे। साथ ही जाह्नवी की मां आशा ने भी उसकी कस्टडी मांगी थी लेकिन जाह्नवी ने इससे मना कर दिया था। इस पर हाईकोर्ट ने माना कि सौतेली मां को जाह्नवी के भरण-पोषण के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

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