कोर्ट कोे यूनाइटेड किंगडम के फैमिली रिलेशंस एक्ट में सौतेले माता-पिता द्वारा ऎसे बच्चों के भरण पोषण का कानून मिला। जज ने इस कानून की धारा का उल्लेख करते हुए कहाकि कानून निर्माताओं को लाचार बच्चों की मदद के लिए इस मुद्दे को उठाना चाहिए। यह कहते हुए हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें एक महिला को अपनी सौतेली बेटी को हर महीने 3000 रूपये देने को कहा गया था।
यह था मामला
प्रकाश सर्वेया ने आशा नाम की महिला से शादी की। दोनों के जाह्नवी नाम की बेटी हुई। बाद में दोनों पति-पत्नी अलग हो गए और प्रकाश ने बाद में दोबारा शादी क र ली। सर्वेया की मौत के बाद जाह्नवी अपनी सौतेली मां मंजुला के पास रहने लगी। मंजुला को अपने पति की जगह अनुकंपा नौकरी मिल गई। जाह्नवी के दादा छगनलाल ने कोर्ट के जरिए उसकी कस्टडी ले ली। पिछले साल जाह्नव और उसके दादा ने सौतेली मां से भरण-पोषण देने की मांग की। मंजुला ने हाईकोर्ट में अपील कर कहाकि प्रकाश की मौत के बाद उनके पिता को बीमा के 23 लाख रूपये मिले थे। साथ ही जाह्नवी की मां आशा ने भी उसकी कस्टडी मांगी थी लेकिन जाह्नवी ने इससे मना कर दिया था। इस पर हाईकोर्ट ने माना कि सौतेली मां को जाह्नवी के भरण-पोषण के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।