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सुप्रीम कोर्ट ने पूछाः इतने प्रदूषण में कोई योग कैसे कर सकता है

Published: Nov 08, 2016 08:09:00 am

Submitted by:

Rakesh Mishra

योग को स्कूलों में अनिवार्य करने के आदेश देने की याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई से मना करते हुए कहा कि ऐसे प्रदूषण में कोई योग कैसे कर सकता है?

Delhi pollution

Delhi pollution

पत्रिका न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली व एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। वहीं योग को देश के सभी स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक के छात्रों को अनिवार्य करने के आदेश देने की याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई से मना करते हुए कहा कि ऐसे प्रदूषण में कोई योग कैसे कर सकता है?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एन्वायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी (ईपीसीए) ने भी कोर्ट को दिल्ली के खराब हालात की जानकारी दी। ईपीसीए ने कहा कि यह पब्लिक इमरजेंसी है। दिल्ली में पिछले 17 साल में धुंध के कारण सबसे खराब स्थिति देखी जा रही है।

एनजीटी ने लगाई राज्यों को फटकार
सोमवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्र सहित दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सरकार को फटकार लगाई। एनजीटी ने पूछा कि उन्होंने प्रदूषण रोकने को क्या किया?

580 स्कूल हफ्ते भर के लिए बंद
प्रदूषण के खतरे को देखते हुए दक्षिण दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले करीब 580 विद्यालयों को पूरे सप्ताह के लिए तथा उत्तर- पूर्वी के स्कूलों को भी बुधवार तक बंद कर दिया गया है।

दिल्ली में छिड़काव शुरू, स्मॉग हुआ थोड़ा कम
एनजीटी से फटकार के बाद दिल्ली में सड़कों पर पानी का छिड़काव शुरू कर दिया गया है। हालांकि, इस बीच राहत की एक और खबर यह है कि हवा की गति बढऩे से स्मॉग में रविवार के मुकाबले कमी आई है।

…स्वास्थ्य का हक योग से ही सुनिश्चित
कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि स्वास्थ्य के अधिकार को योग और स्वास्थ्य शिक्षा के बिना सुनिश्चित नहीं किया जा सकता। अनुच्छेद 21 का हवाला भी दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम किसी पर योग जबरन लागू नहीं करा सकते। यह सरकार और संबंधित पक्षों का काम है कि वह पाठ्यक्रम में योग लागू करे या नहीं। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि ऐसे प्रदूषण में कोई योग कैसे कर सकता है? 
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