नटवर लाल के नाम से मशहूर बिहार के सीवान जिले के रहने वाले मिथिलेश श्रीवास्तव ने ताजमहल को एकबार नहीं, दो बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार बेचा था
नई दिल्ली। दुनिया भर में प्रेम के प्रतीक ताजमहल को मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था। प्यार की निशानी के तौर पर दुनिया भर में प्रसिद्ध ताजमहल राष्ट्रीय धरोहर भी है। इसे देखने के लिए दुनिया के हर कोने से लोग भारत आते हैं। ताजमहल से जुड़ी एक बेहद ही रोचक जानकारी हम आपको बताने जा रहे हैं। हो सकता है कि आपको इस पर यकीन न हो लेकिन यह है बिल्कुल सत्य। ताजमहल को तीन बार बेचा जा चुका है। तीनों बार इस घटना को एक ही शख्स ने अंजाम दिया था।
नटवर लाल के नाम से मशहूर बिहार के सीवान जिले के रहने वाले मिथिलेश श्रीवास्तव ने ताजमहल को एकबार नहीं, दो बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार बेचा था। सिर्फ ताजमहल ही नहीं नटवर लाल ने लाल किला, राष्ट्रपति भवन समेत संसद भवन को बेच दिया था।
अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म नटवर लाल भी मिथिलेश श्रीवास्तव पर आधारित थी। नटवरलाल पर ठगी के 100 से अधिक मामले पुलिस ने दर्ज किए। ये आरोप कितने गंभीर थे इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि भारत देश के 8 राज्यों की पुलिस उसके पीछे पड़ी रही।
सत्तर, अस्सी और नब्बे के दशकों में एक के बाद एक कई ठगी की घटनाओं को अन्जाम देकर नटवरलाल भारत का कुख्यात ठग बन गया। वह अपने जीवनकाल में 9 बार गिरफ्तार हुआ, लेकिन प्रत्येक बार किसी न किसी तरह पुलिस की चंगुल से भाग निकला।
अंतिम बार जब वह पुलिस की पकड़ से भागा, तब उसकी आयु 84 साल थी। 24 जून 1996 को उसे कानपुर जेल से एम्स (AIIMS) अस्पताल लाया जा रहा था। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पुलिस टीम को चकमा देकर वह भाग निकला। इस घटना के बाद उसे फिर कभी देखा नहीं जा सका। आज तक लोगों को यह भी नहीं पता कि नटवर लाल जिंदा है कि नहीं। सीवान जिले में स्थित उनका गांव रुइया बागंरा अब नटवर लाल के गांव के नाम से जाना जाता है।