चेन्नई। तमिलनाडु जेल में रहने वाले कैदियों के हाथों से बने सामान ने जेल प्रशासन को मालामाल कर दिया है। 2015 में कैदियों के बनाए उत्पादों को बेचकर जेल प्रशासन ने 47.8 करोड़ रुपए की कमाई की है। तमिलनाडु जेल कमाई के मामले में देश में सबसे ऊपर रहा है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने इन आंकडों का खुलासा किया। तमिलनाडु जेल प्रशानस ने फ्रीडम बाजार स्टोर के जरिए इस सामान को बेचा था।
तमिलनाडु की जेल में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे कैदी
तमिलनाडु जेल में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे कैदी रहते हैं। इस जेल में 289 कैदियों के पास टेक्निकल डिग्री और डिप्लोमा है। ये आंकडा दूसरे राज्यों की जेलों से सबसे ज्यादा है। तमिलनाडु जेल में करीब 5 हजार दोषी हैं इनमें से 38.5 प्रतिशत अनुसूचित जाति-जनजाति से जुड़े हुए हैं। 2014 में तमिलनाडु जेल ने 36.97 करोड़ की कमाई की थी। ये भी देश में सर्वोत्तम थी। तमिलनाडु जेल के अधिकारियों का कहना है कि ये सब कुछ सरकार की सहयोगी नीतियों और जेल में रहने वाले लोगों की मेहनत से संभव हो सका है।
दिल्ली और केरल की जेल रही दूसरे-तीसरे नंबर पर
तमिलनाडु जेल में कपड़े, बेकरी आइटम, पेंटिंग, चमड़े का सामान और हैंडीक्राफ्ट बनाए। इन सभी प्रोडक्ट्स को चेन्नई में फ्रीडम बाजार के स्टोर्स पर बेचा गया। इन सामानों को आईटी पार्क जैसी जगहों पर भी बेचने की कोशिश की गई। 2015 में तमिलनाडु की जेल में करीब 14,122 कैदी थे। अगर औसत निकाला जाए तो हर कैदी ने 33,901 रुपए का सामान बनाया। वहीं दिल्ली की जेल में रहने वाले कैदियों ने 2015 में 31 करोड़ का सामान बेचा। केरल की जेल कमाई के मामले में 22.9 करोड़ तक पहुंच पाई।
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