जवानों को कर दिया था रसोई और स्टोर में बंद, उरी में रविवार को हुए हमले का सच आया सामने, शहीद हुए थे 18 जवान
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उरी में आज सुबह एक बार फिर पाकिस्तानी सेना की ओर से सीजफायर का उल्लंघन किया गया। भारतीय पोस्ट पर करीब 20 मिनट तक फायरिंग की गई, जिसे घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों को कवर फायर देने के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले मंगलवार को उरी सेक्टर के लच्छीपुरा में सेना ने घुसपैठ की कोशिश कर रहे 8 से 10 आतंकियों को ढेर कर दिया। इस बीच बीती रात हंदवाड़ा के नौगाम सेक्टर में पाक घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने में सेना का एक जवान शहीद हो गया, जबकि दो जख्मी हुए हैं। नौगाम और उरी में पूरी रात ऑपरेशन जारी रहा है हालांकि मौसम खराब होने की वजह से ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। इस दौरान पांच आतंकवादियों के वापस पाकिस्तान की ओर भागने में कामयाब रहने की खबर है।
वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय जांच एजेंसी रविवार को उरी में हुए हमलों की जांच कर रही है। एनआईए के अनुसार उरी में हमला करने से पहले आतंकियों ने ब्रिगेड मुख्यालय परिसर के रसोई घर और स्टोर को बाहर से बंद कर दिया था, जिससे हमले के दौरान जवान बाहर नहीं निकल सके। इसके बाद उन्होंने जवानों के टैंटों पर हमला किया। एनआईए का यह भी कहना है कि एेसे में कहा जा सकता है कि आतंकी मुख्यालय और आस-पास के क्षेत्र को बहुत अच्छे से जानते थे और उन्होंने हमला करने से पहले काफी समय यहां बिताया था।
परमाणु हमले से डरा पाकिस्तान
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान ने कहा था कि जरूरत पडऩे पर वह भारत पर परमाणु हमला भी कर सकता है। गौरतलब है कि परमाणु शक्ति के मामले में भारत पाकिस्तान से कहीं ज्यादा सक्षम है। इस मुद्दे को आईएएस अधिकारी संजय दीक्षित ने सोशल मीडिया पर उठाया और लोगों से राय जाननी चाही कि ‘क्या भारतीय पाकिस्तान के सफाए के लिए परमाणु हमले का समर्थन करते हैं? क्योंकि इसमें कई जानें जाएंगी।’ दीक्षित की पोस्ट पर ‘हां-तैयार हैं’ और ‘ना- जिंदगियां अनमोल है’ के विकल्प दिए गए। जिसमें से 46 फीसदी लोगों ने ‘हां’ तो 54 फीसदी लोगों ने ‘ना’ के विकल्प को चुना। जब संजय ने परिणामों का विवरण देखा तो पाया कि पोल को पाकिस्तानियों की ओर से हैक कर लिया गया है। और ‘ना’ का विकल्प पाकिस्तानियों की ओर से चुना गया था, न कि भारतवासियों की ओर से। संजय ने दावा कि 78 फीसदी लोग पाकिस्तान पर हमला करने के पक्ष में हैं।