आईपीएस अधिकारी झेल रहे आर्थिक तंगी, उठाया वेतन विसंगति का मुद्दा
Published: Mar 29, 2015 09:27:00 pm
इन अधिकारियों का कहना है कि उनका वर्तमान वेतन उनकी प्रतिष्ठा व जिम्मेदारी को देखते हुए बहुत कम है
नई दिल्ली। अब देश के आईपीएस अधिकारी भी आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। देश के कुछ वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों ने केन्द्र सरकार के सामने वेतन विसंगति का मुद्दा उठाया है। सीमा सुरक्षा बल, खुफिया ब्यूरो व जांच एजेंसी के इन अधिकारियों का कहना है कि उनका वर्तमान वेतन उनकी प्रतिष्ठा व जिम्मेदारी को देखते हुए बहुत कम है। इन अफसरों ने गृह मंत्रालय से वेतन बढ़ाने की मांग की है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों की शिकायतों पर विचार किया जा रहा है। इन अधिकारियों का तर्क है कि अर्द्धसैनिक बलों के महानिदेशकों व भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठतम अधिकारियों को भी 75,500 से 80,000 रूपये का वेतनमान दिया जा रहा है। 80,000 रूपये अधिकतम वेतन के साथ यह देश का दूसरा शीर्ष वेतनमान है। जानकारी के अनुसार, कुछ अधिकारियों ने जहां लिखित में अपना आवेदन दिया, वहीं कुछ अन्य ने मौखिक रूप से अपनी बात रखी। गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि यह एक अनोखी घटना है। इससे पहले ऎसा कभी नहीं हुआ था।
यह मुद्दा उठाने वाले अधिकारियों में सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख डीके पाठक, सशस्त्र सीमा बल के मुखिया बीडी शर्मा, एनआइए के महानिदेशक शरद कुमार, इंटेलीजेंस ब्यूरो के दो विशेष निदेशक राजीव जैन व सुरेंद्र सिंह और राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के महानिदेशक आर आर वर्मा शामिल हैं।