त्रिपुरा विधानसभा में मृत्युदंड के खिलाफ प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर इसे केन्द्र सरकार के पास भेद दिया है
अगरतला। मृत्युदंड को लेकर देश में जारी बहस के बीच त्रिपुरा विधानसभा ने मृत्युदंड के खिलाफ प्रस्ताव एक मत से पारित कर इसे केंद्र के पास भेज दिया है। इसमें मृत्युदंड को समाप्त कर इसकी बजाय मृत्यु तक कारावास की सजा को लागू करने की बात कही गई है।
विपक्षी पार्टी कांग्रेस के विधायक जितेंद्र सरकार ने इस संबन्ध में निजी बिल पेश करते हुए कहा, “मृत्युदंड आईपीसी की धारा 302 के तहत कोर्ट द्वारा दी जाती है। सदन भारत सरकार से निवेदन करता है कि वह इस कानून में जरूरी सुधार करे और संगीन अपराधों के लिए मृत्यु तक कारावास की सजा का प्रावधान सुनिश्चित करे।”
उन्होंने कहा कि हालांकि देश में दुर्लभतम मामलों में ही मृत्युदंड की सजा दी जाती है लेकिन मानवता को ध्यान में रखते हुए इसमें बदलाव किया जाना चाहिए। दुनिया में सभी को अपना जीवन जीने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि मृत्युदंड का कोई सकारात्मक परिणाम देखने को मिला हो या संगीन अपराधों की संख्या में कोई कमी आई हो, ऎसा नहीं है।
इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री मानिक सरकार ने कहा कि “मृत्युदंड की सजा एक याचिका के आधार पर दी जाती है। मैं ऎसी किसी भी याचिका का समर्थन नहीं कर सकता जो बदला लेने की परंपरा को आगे बढ़ाए। मृत्यु होने तक जेल में रखना कहीं ज्यादा उचित सजा है।”
वहीं राज्य के कानून मंत्री तपन चक्रवर्ती का कहना है कि दुनिया के तमाम विकसित देश मृत्युदंड की सजा को समाप्त कर चुके हैं और यह पुराना कानून महज 58 देशों में ही जारी है। सदन के पटल पर प्रस्ताव के रखे जाने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष एकमत दिखे और बिना किसी विरोध के प्रस्ताव को पास कर दिया गया।