संसद पर हमले के गुनहगार अफजल गुरु की बरसी पर 9 फरवरी को उमर ने ही कराया था विवादित कार्यक्रम
नई दिल्ली।
JNU में 9 फरवरी को हुई देश विरोधी नारेबाजी का मुख्य आरोपी
उमर खालिद 4 अन्य
JNU स्टूडेंट्स समेत वापस लौट आया है। जानकारी के मुताबिक रविवार को वह
JNU कैंपस में मौजूद रहा और उसने स्टूडेंट्स को संबोधित भी किया। यह जानकारी पुलिस को मिलते ही पुलिस भी
JNU कैंपस पहुंच गई हालांकि पुलिस को
JNU कैंपस में जाने की इजाजत नहीं मिली। पुलिस ने
JNU प्रशासन से सभी आरोपियो को सौंपने के लिए कहा लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा कोई पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिलने के बाद पुलिस खाली हाथ लौट गई। वहीं, दिल्ली के पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा कि अगर ये स्टूडेंट्स बेगुनाह हैं तो उन्हें सबूत देना चाहिए। बस्सी ने कहा कि पुलिस न्याय का पहली इकाई है और स्टूडेंट्स को जांच में सहयोग करना चाहिए।
JNU कैंपस में स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए उमर खालिद का 14 मिनट का एक वीडियो YouTube पर खूब शेयर किया गया है। वीडियो में उमर कह रहा है कि साथियों मेरा नाम उमर खालिद जरूर है, But I am not a Terrorist. उमर ने कहा कि 10 दिनों में पहली बार ऐसा लगा कि मैं मुस्लिम हूं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उमर खालिद के अलावा रामा नागा, अनिर्बान भट्टाचार्या, अनंत, आशुतोष भी जेएनयू कैंपस पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें डर था कि बाहर आने पर लोग उन पर हमला कर सकते हैं अतः कैम्पस में ही छिपे थे।
आरोपियों के साथ उनके वकील भी कैंपस पहुंचे। यह एडमिन ब्लॉक के पास पूरी रात मौजूद रहे। जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष आशुतोष ने कहा है कि वह अपने साथियों के साथ अब तक कहां छुपा था मीडिया का इससे कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए। उसने कहा कि न तो हम देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और न हीं हमने देश विरोधी नारे लगाए थे। उसने कहा कि पुलिस उन लोगों को नहीं पकड़ रही है जो असल में दोषी हैं।
रामा नागा ने कहा हम माहौल ठीक होने का इंतिजार कर रहे थे-
वहीं स्टूडेंट रामा नागा ने सोमवार सुबह मीडिया के सामने आकर कहा कि हम लोगों ने 9 फरवरी को देश विरोधी नारे नहीं लगाए। उसने कहा कि जिन लोगों ने उस रोज देश विरोधी नारे लगाए थे वे यूनिवर्सिटी के बाहर से आए थे। गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर रामा नागा ने कहा कि यदि हमारी गिरफ्तारी होती है तो हम विरोध नहीं करेंगे। नागा से मीडिया ने जब यह सवाल किया कि आप लोग अब तक सामने क्यों नहीं आए तो रामा ने कहा कि हम माहौल ठीक होने का इंतिजार कर रहे थे। बता दें कि रामा एक दलित समुदाय से है और उसके पिता चूड़ी बेचते हैं।
कौन है उमर खालिद?
उमर डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन का नेता है और वह महाराष्ट्र का रहने वाला है। जिस कार्यक्रम के बाद यह सारा विवाद शुरू हुआ है संसद पर हमले के गुनहगार अफजल गुरु की बरसी पर 9 फरवरी को वह कार्यक्रम तथाकथित रूप से उमर ने ही कराया था।
की थी नारेबाजी की अगुवाई-
डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन और लेफ्ट के लोग JNU में मार्च कर रहे थे, तब उमर उनकी अगुवाई कर रहा था। जिस वक्त नारे लग रहे थे उस वक्त उमर न केवल वहां मौजूद था, बल्कि जेएनयू प्रशासन और एबीवीपी के खिलाफ उसने ही नारेबाजी शुरू की थी।
कई वीडियो में दिखाई दिया उमर-
उमर को कन्हैया कुमार के साथ भी कई वीडियो में देखा गया। 11 फरवरी को जब एबीवीपी के खिलाफ लेफ्ट के स्टूडेंट्स यूनियन प्रदर्शन कर रही थी, तो उस वक्त उमर और कन्हैया एक साथ थे।
जम्मू-कश्मीर में किए 800 से ज्यादा कॉल-
पुलिस जांच के दौरान यह खुलासा हुआ था कि उमर खालिद ने 10 दिनों में 800 फोन कॉल्स किए। उमर ने अपने 2 मोबाइलों से 3 फरवरी से 9 फरवरी के बीच 800 से ज्यादा फोन कॉल किए। उसने जिनमें 38 कॉल जम्मू-कश्मीर में किए गए और 65 कॉल जम्मू-कश्मीर से उसके मोबाइल पर आए थे।