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यूपी पुलिस की लापरवाही, 30 गायों को बंद हो चुकी गौशाल में भेजा

गौ सेवा आयोग ने जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।

Oct 01, 2016 / 11:00 am

रोहित पंवार

UP police, Cow slaughters

UP police, Cow slaughters

अमरोहा. गौरक्षा के मामले में यूपी पुलिस की लापरवाही सामने आई है। अमरोहा जिले की पुलिस ने पहले 30 गायों व अन्य पशुओं को अलग-अलग मामलों में बचाया। फिर उन्हें ऐसी गौशाला में भेज दिया जो साल 2015 में ही बंद हो चुकी है। ये गाय कहां गईं, अब इसका कोई अता-पता नहीं है। मामले में गौ सेवा आयोग ने जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।

अब चार थानों की पुलिस तलाश में लगी

अब अमरोहा जिले के चार थानों की पुलिस इन गायों व पशुओं को ढूंढ रही है। उधर, गौसेवा आयोग ने जिलाधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई है। डीएम देव प्रकाश ने इस शिकायत के आधार पर जिले के एसपी से रिपोर्ट मांगी है। डीएम का कहना है कि उन्होंने एसपी से गायों की तलाश में जांच कमेटी गठित करने के लिए कहा है। अहम बात यह है कि इसी एसपी ने इन गायों को गौशाला भेजे जाने की रिपोर्ट गौ सेवा आयोग के पास भेजी थी। इस रिपोर्ट के बाद ही मामले का खुलासा हुआ। रिपोर्ट में उनके हस्ताक्षर थे।

अगस्त माह में इन्हें तस्करों से छुड़ाया गया था

 बता दें कि कुछ दिनों पहले राज्य के आयोग ने सभी जिलों से गौहत्या के मामले, गिरफ्तार लोगों की संख्या और बचाई गईं गायों की जानकारी मांगी थी। जवाब में जिले की पुलिस ने आठ सिंतबर को रिपोर्ट भेजी। इस रिपोर्ट पर अमरोहा के एसपी शिवासिंपी चन्नपा के हस्ताक्षर थे। पुलिस ने इसमें बताया कि अगस्त महीने में अलग-अलग थानों की पुलिस ने कुल 30 गायों व पशुओं को बचाया था। पुलिस ने बताया कि इन्हें नूरपुर गांव के वृंदावन गौशाला उत्थान समिति में भेज दिया गया था। पुलिस की सूचना के बाद गौसेवा आयोग के सदस्य राहुल सिंह बताए गए पते पर पहुंचे तो वहां कोई गौशाला नहीं मिली।

गौशाला की जगह गन्ने का खेत मिला

 आयोग के सदस्य राहुल ने बताया कि जब वह वहां पहुंचे तो केवल गन्ने का खेत दिखाई दिया। वहां गाय रखी जाने के भी कोई निशान नहीं दिखे। आयोग की जांच में पता चला कि यह गौशाला नरेश कुमार नाम के किसी शख्स ने साल 2014 में खोली थी। लेकिन उसने केवल एक साल इसे चलाया। बाद में उसने सभी गाय गांव वालों को बेच दी थी। अब उस जगह पर खेती हो रही है। वहीं एसपी का कहना है कि हमें अब जानकारी मिली है कि पुलिस ने गलती से किसी ओर गौशाला का नाम आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में दे दिया था।

2013 से अब तक की जानकारी ली जाएगी

आयोग की चार अक्तूबर को बैठक होनी है। सदस्य राहुल का कहना है कि पुलिस की लापरवाही के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बैठक में पुलिस से 2013 से अब तक गायों को बचाने से जुड़ी रिपोर्ट मांगने पर विचार किया जाएगा। 

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