विदेश मंत्री जॉन केरी की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट के भारतीय खंड में लिखा है कि कुछ सरकारी अधिकारियों ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभावपूर्ण बयान दिया है। रिपोर्ट के अनुसार धर्म से प्रेरित हत्याओं, गिरफ्तारियों, बलपूर्वक धर्मातरण, सांप्रदायिक दंगों की घटनाएं हुई हैं। कुछ मामलों में स्थानीय पुलिस सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावी तरीके से निपटने में नाकाम रही। इनमें अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाएं भी शामिल हैं।
रिपोर्ट में पिछले साल गुजरात में नवरात्रों के दौरान आपत्तिजनक बयान देने वाले मुस्लिम धर्मगुरू मेहंदी हसन की गिरफ्तारी को भी अभिव्यक्ति की आजादी का हनन माना गया है। केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार बनने के बाद यह इस तरह की पहली रिपोर्ट है। गौरतलब है कि 2013 में जारी रिपोर्ट में भी इस तरह की घटनाओं का जिक्र किया गया था।