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उत्तराखंड आग: जंगलों में MI-17 हेलीकॉप्टर से कराई गई बारिश

Published: May 01, 2016 04:17:00 pm

उत्तराखंड में रविवार को भीमताल में एमआई-17 हेलीकॉप्टर से झील से पानी लेकर आसपास के जंगलों में कृत्रिम बरसात कराई गई

Uttarakhand forest fire

Uttarakhand forest fire

देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में लगी भयंकर आग को रविवार को 89 दिन हो गए हैं। यह आग उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में फैल चुकी है। आग पर काबू पाने के लिए रविवार को एमआई-17 हेलीकॉप्टर का उपयोग तक करना पड़ा। दरअसल पौड़ी जिले के श्रीनगर और नैनीताल के भवाली क्षेत्र में राज्यपाल डॉ. केके पॉल की पहल पर वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर आग बुझाने के लिए प्रयोग में लाया गया।

आग लगने पर पौड़ी में हेलीकॉप्टर से जल छिड़का जाने लगा। नैनीताल और इसके आसपास के क्षेत्रों में भी पानी डाला गया और आग बुझाने के प्रयास किए। हालांकि आग लगने के कारणों का प्रारंभिक रूप से पता नहीं चला। आग बुझाने के लिए भीमताल के तालाब का पानी उपयोग में लाया गया। विभिन्न विभागों, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के 15 हजार से ज्यादा कार्मिक आग बुझाने में जुटे हैं।
 
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि केंद्र सरकार जरूरत पडऩे पर पूरी मदद देगी। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में लगी इस आग के बाद पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और नैनीताल को निगरानी मे रखा गया है। इन क्षेत्रों को संवेदनशील माना गया है। यही नहीं आग लगने की घटनाओं पर ध्यान रखने के लिए फायर वॉर नियुक्त किए गए हैं। 

उत्तराखंड में करीब 1,900 हेक्टयेर वन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आग लगने के बाद सरकार ने दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात करने का फैसला किया। इस बीच, NDRF, SDRF और थलसेना के जवान और लगभग 6000 लोग इस आग बुझाने की लगातार कोशिशें कर रहे हैं। इस आग में अब तक 6 लोग मारे जा चुके हैं।

करीब 2000 हेक्टेयर वन क्षेत्र बर्बाद
इस मौसम में आग से कुल 1890.79 हेक्टेयर वन क्षेत्र बर्बाद हो चुका है। आग का यह सिलसिला शुष्क जाड़े के कारण दो फरवरी को शुरू हुआ था। चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, पिथौरागड़ और नैनीताल सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से हैं।

फरवरी से जंगलों में आग लगने का सिलसिला जारी
प्रधान वन संरक्षक बीपी गुप्ता ने बताया कि उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग के फैलने से एनडीआरएफ की तीन टीमें अल्मोड़ा, गौचर और पौड़ी में आग बुझाने के लिए लगाई गई हैं जबकि एसडीआरएफ की एक टीम नैनीताल में लगाई गई है। इस साल फरवरी की शुरुआत से राज्य के वनों में आग लगने की घटनाएं शुरू हुईं और अभी तक इस तरह की 922 घटनाएं हो चुकी हैं। अलग-अलग घटनाओं में तीन महिलाओं और एक बच्चे सहित छह लोग मारे गए हैं और सात लोग घायल हुए हैं ।

सेना की मदद ले रहा वन मंडल
गुप्ता ने बताया कि रुद्रप्रयाग का वन मंडल आग पर काबू पाने, विशेषकर राजमार्गों से सटे इलाकों में आग बुझाने के लिए सेना की मदद ले रहा है। उन्होंने कहा कि चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और नैनीताल सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं। आग लगने से 1890.79 हेक्टेयर हरित क्षेत्र बर्बाद हो गया है।

राज्यपाल केके पॉल ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों के साथ बचाव प्रयासों की समीक्षा की और उन्हें अपने प्रयासों में तेजी लाने को कहा। आईजी संजय गुंजयाल बचाव अभियान पर नजर रखने के लिए एनडीआरएफ, संबद्ध जिला मजिस्ट्रेटों और प्रधान वन संरक्षक के साथ समन्वय स्थापित कर रहे हैं।
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