मोदी ने पर्यावरण मित्र तरीके से बनाए गए इस भवन की सराहना करते हुए इसे वडोदरा के लिए एक तोहफा बताया
वडोदरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को हवाई अड्डे पर नवनिर्मित अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल का उद्घाटन किया और इसके साथ ही यह उनके गृह राज्य का पहला और देश का मात्र दूसरा ‘हरित (ग्रीन) टर्मिनल’ वाला हवाई अड्डा बन गया। इस अवसर पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू, उनके विभागीय राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, राज्यपाल ओ पी कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी तथा उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकार के अधिकारियों समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे।
मोदी ने पर्यावरण मित्र तरीके से बनाए गए इस भवन की सराहना करते हुए इसे वडोदरा के लिए एक तोहफा बताया। उन्होंने देश में उड्डयन क्षेत्र के तेजी से बदलते स्वरूप की भी चर्चा की तथा पर्यटन के विकास के लिए इसके विस्तार को और छोटे शहरों के भी इसमें समावेश को बेहद जरूरी बताया।
उन्होंने कहा कि ऐसा ही एक पर्यावरण संवेदनशील टर्मिनल केरल के कोचीन में बनाया गया है। कई अत्याधुनिक सुविधाओं वाले इस टर्मिनल के शुरू होने से हालांकि सैद्धांतिक तौर पर वडोदरा, अहमदाबाद के बाद गुजरात का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाएगा पर वास्तव में यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ाने शुरू होने में अभी कुछ माह का समय लगेगा। खास तरीके से तथा कई पर्यावरण संवेदनशील सुविधाओं से लैस कर तैयार किए गए इस टर्मिनल पर करीब 160 करोड़ का खर्च आया है।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल परियोजना के प्रभारी तथा हवाई अड्डे की देखरेख करने वाली संस्था भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के महाप्रबंधक (अभियंत्रण) नरेन्द्र शुक्ला ने बताया कि इसे ग्रीन रेटिंग्स ऑफ द इंटरनेशनल हैबिटैट एसेसमेंट (गृहा प्रणाली) ने मान्यता दी है और यह ऐसी मान्यता वाला देश का मात्र दूसरा हरित (ग्रीन) टर्मिनल है।
17 उड़ाने होती हैं संचालित
इसकी क्षमता कुल 700 (प्रति घंटे 500 घरेलू और 200 अंतरराष्ट्रीय) यात्रियों की है और यह 17500 वर्ग मीटर मे बना है। मौजूदा डोमेस्टिक टर्मिनल की क्षमता मात्र 250 यात्रियों की है और इसका कुल क्षेत्र 7500 वर्ग मी और पैसेंजर एरिया मात्र 4500 वर्ग मी है। हवाई अड्डे के निदेशक सोनो मरांडी ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में 9 लाख से अधिक यात्रियों का आवागमन देखने वाले इस हवाई अड्डे से वर्तमान में कुल 17 उड़ाने संचालित होती हैं जिनमें से एक एयर इंडिया, एक जेट कनेक्ट, चार जेट एयरवेज, तीन इत्तेहाद एयरवेज और सर्वाधिक आठ इंडिगो करती है। यहां से कुल 10 उडाने मुंबई, पांच दिल्ली और एक एक बेंगलूरु और गोवा के लिए है।
फिलहाल नहीं बढ़ेंगी उड़ानों की संख्या
उन्होंने बताया कि यहां से निकटवर्ती देशों जैसे सिंगापुर, खाड़ी के देशों, थाईलैंड आदि के लिए उड़ान भरा जा सकता है पर अभी तक यहां से सीधी विदेशी उड़ान की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके लिए अभी एक दो माह का इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा कि नए अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल के शुरू होने के बावजूद घरेलू उड़ानों की संख्या भी फिलहाल नहीं बढ़ेगी। उधर, शुक्ला ने बताया कि नये टर्मिनल का इस्तेमाल घरेलू उड़ानों के लिए होता रहेगा।
भविष्य में भरी जा सकेंगी लंबी दूरी की उड़ाने
उन्होंने उम्मीद जताई की आने वाले समय में तकनीकी प्रगति से यहां से लंबी दूरी की विदेशी उड़ाने भी भरी जा सकेंगी। उन्होंने बताया कि नए टर्मिनल में कम ऊर्जा की खपत वाली कूलिंग प्रणाली, खिड़कियों तथा अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली, स्वचालित शीशा सफाई प्रणाली समेत कई अत्याधुनिक प्रणालियां लगाई गई हैं। इनमें दो एयरब्रिज, पांच लिफ्ट और एस्केलेटर का भी प्रावधान किया गया है। इसे इस तरीके से डिजायन किया गया है कि इसे जरूरत के मुताबिक बदला जा सकता है।
इस बीच, मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वडोदरा की यह पहली यात्रा है। उन्होंने वडोदरा लोकसभा सीट से भी पिछला लोकसभा चुनाव जीता था पर वाराणसी सीट को बरकरार रखते हुए यहां से इस्तीफा दे दिया था। अपने गृहराज्य गुजरात में इस दूसरे अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल के उद्घाटन के अलावा मोदी ने करीब 10,000 शारिरिक चुनौती प्राप्त दिव्यांगों के बीच सहायक उपकरणों का वितरण के कार्यक्रम में भी भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से किया।
इस मौके केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत तथा उनके विभागीय राज्य मंत्री रामदास अठावले भी उपस्थित थे। ऐसा ही एक कार्यक्रम गत 17 सितंबर को प्रधानमंत्री के जन्मदिन के मौके पर नवसारी में भी आयोजित किया गया था जहां उन्होंने दिव्यांगों के बीच सहायक उपकरणों का वितरण किया था। वडोदरा में अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल का उद्घाटन ऐसे समय में हो रहा है जब राज्य में उड्डयन क्षेत्र के विकास के लिए कई काम हो रहे हैं। राज्य के विभिन्न प्रमुख शहरों को आपस में हवाई सेवा से जोडऩे के लिए हाल में सरकारी सहायता प्राप्त छोटी क्षमता वाले विमानों से उड़ाने शुरू की गई हैं और इनके विस्तार का दौर जारी है।
राज्य सरकार और केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय के बीच गत एक सितंबर को ही राज्य के 11 हवाई अड््डो और पट्टियों भावनगर, भुज, जामनगर, सूरत, पोरबंदर, महेसाणा, मांडवी, अमरेली, केशोद, कंडला और डीसा के विकास के लिए एक करार भी हुआ था।