खेमका ने पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जिन मुद्दों को उठाया था उनपर सीएजी ने अपनी मोहर लगा दी है। जिसके चलते एक बार फिर से पूर्व सरकार तथा तत्कालीन सरकार द्वारा खेमका के खिलाफ जांच के लिए गठित की गई आईएएस अधिकारियों की कमेटी सवालों के घेरे में है।
अशोक खेमका ने हरियाणा चकबंदी विभाग का निदेशक होते हुए वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील को बेनकाब किया था। जिसके चलते तत्कालीन सरकार ने खेमका के खिलाफ जांच बिठाते हुए तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि खेमका ने जो कार्रवाई की थी वह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर थी।
पूर्व सरकार ने अशोक खेमका को लंबे समय तक खुड्डे लाइन लगाए रखा और वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील मामला मीडिया की सुर्खी बना रहा। अब गत दिवस सीएजी ने भी अपनी रिपोर्ट में इस घोटाले पर मोहर लगा दी है। जिससे आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को बल मिल गया है। मौके का लाभ उठाते हुए खेमका ने भी एक के बाद एक चार टवीट बम फोड़ दिए। बीती रात अपने पहले टवीट में खेमका ने कहा है कि सीएजी की रिपोर्ट ने वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील में हुए घोटाले पर मोहर लगा दी है, लेकिन मेरे माथे पर लगा चार्जशीट का कलंक अभी धुला नहीं है।
खेमका ने अपने खिलाफ बनाई गई जांच कमेटी पर सीधे सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा है कि इस घोटाले के असली दोषी उनके खिलाफ फैसले सुनाते रहे हैं। उनका दर्द तभी दूर होगा जब राजनीति पूरी तरह से शुद्ध होगी। कालाबाजारी को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई किया जाना जरूरी है। खेमका ने आज किए गए अंतिम टवीट में कैग की रिपोर्ट पर भी सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि कैग की रिपोर्ट में कई मुद्दों को छुआ भी नहीं गया। व्यापारी, नौकरशाह तथा नेता मिलकर भ्रष्टाचार का एक साइकिल चला रहे हैं। अशोक खेमका द्वारा आज किए गए टवीट दिनभर चर्चा का विषय बने रहे।
आज तक नहीं मिली चार्जशीट
हरियाणा की पूर्व कांग्रेस सरकार ने दिसंबर 2013 में अशोक खेमका को चार्जशीट किया था। इसके बाद विवादों में घिरे खेमका ने सरकार से चार्जशीट की कॉपी मांगी थी। हरियाणा में सत्ता परिवर्तन भी हो चुका है। इसके बावजूद खेमका को आजतक चार्जशीट की कॉपी नहीं मिली है।