वे याकूब मेमन की फांसी का समर्थन करने वाला एक पत्र लाए थे। इस पर 1600 लोगों ने हस्ताक्षर किए थे। इनमें से कई ऎसे थे, जिन्होंने उस हादसे में अपनों को खोया था। याकूब की फांसी का विरोध कर रहे लोगों को सख्त संदेश देते हुए तुषार का कहना है कि उन्हें समझना चाहिए कि उस हादसे में हर धर्म के लोग मारे गए थे, इसलिए इस बात पर धर्म को न लाएं। तुषार का ये भी मानना है कि विरोध करने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए।
गौरतलब है कि मुंबई बम धमाकों में दोषी याकूब मेमन को गुरूवार सुबह सात बजे जेल में फांसी दे दी गई। इससे पहले उसकी फांसी को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दिन में भी सुनवाई हुई और कोर्ट ने सजा को बरकरार रखा। इसके बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल और राष्ट्रपति ने भी याकूब की दया याचिका को खारिज कर दिया था। देर रात को सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकीलों ने फांसी पर 14 दिन की रोक लगाने की दलील दी। इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।