‘तकनीकी कारणों से रद्द किए ईसा, वांग के वीजा’
Published: Apr 28, 2016 07:14:00 pm
सूत्रों ने बताया कि जहां तक रे वांग का सवाल है कि उनके दस्तावेज के विवरण
में असंगतता पाई गई है, ऐसी दशा में दोनों को वीजा नहीं दिए गए हैं
नई दिल्ली। सरकार ने चीन के असंतुष्ट उइगर समुदाय के नेता डोल्कुन ईसा के वीजा को रद्द करने के बाद चीनी असंतुष्ट नेता रे वांग और लू जिन्गुआ के वीजा रद्द करने की बात स्वीकार की है और इसके पीछे तकनीकी कारण बताए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने रे वांग और लू जिन्गुआ के वीजा रद्द किए जाने की रिपोर्टों पर संवाददाताओं के सवालों के जवाब में बताया कि गृह मंत्रालय को इन दोनों मामलों में जो तथ्य मिले हैं, उनमें तकनीकी कारण सामने आएं हैं।
लू जिन्गुआ के मामले में उनके दस्तावेज ‘अस्पष्ट’ पाए गए हैं और यात्रा के मकसद के बारे में अनिश्चितता झलकती है। सूत्रों ने बताया कि जहां तक रे वांग का सवाल है कि उनके दस्तावेज के विवरण में असंगतता पाई गई है। ऐसी दशा में दोनों को वीजा नहीं दिए गए हैं। उन्हें दोबारा वीजा दिए जाने का सवाल ही नहीं उठता है। मीडिया रिपोर्टों में हांगकांग स्थित कार्यकर्ता रा वोंग को भी वीजा नहीं दिए जाने की बात कही गई है। लेकिन, इस बारे में सूत्रों ने कुछ नहीं बताया।
इन सभी लोगों को 28 अपे्रल को धर्मशाला में दलाई लामा से मुलाकात करनी थी। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने नियमित प्रेस ब्रीफ्रिंग में डोल्कुन ईसा के वीजा को रद्द करने के लिए चीन के दबाव की बात को खारिज करते हुए कहा कि ईसा के वीजा आवेदन में सही जानकारी नहीं देना ही उनके वीजा को रद्द करने का कारण बना।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने नियमित ब्रीफ्रिंग में ईसा के वीजा विवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा कि ईसा ने इंटरनेट के माध्यम से ई-पर्यटक वीजा के लिए आवेदन किया था जो उन्हें दे दिया गया। उसके बाद उन्होंने मीडिया के सामने आ कर ऐलान किया कि वह धर्मशाला में किसी सम्मेलन में हिस्सा लेेने जा रहे हैं। पर्यटक वीजा धारक के लिए सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति नहीं है।
स्वरूप ने कहा, सम्मेलन के लिए अलग श्रेणी का वीजा दिया जाता है। उसी समय सरकार के ध्यान में लाया गया कि उनके विरुद्ध इंटरपोल का रेडकॉर्नर नोटिस भी जारी है। स्वरूप ने कहा कि भारत की वीजा नीति सुस्पष्ट है। उसके दिशा निर्देशक सिद्धांतों के आधार पर ईसा का वीजा रद्द किया गया है। इसके लिए किसी का कोई दबाव नहीं था।