scriptओआरओपी : जेटली ने कहा, हर साल नहीं बढ़ा सकते पेंशन | We cannot increase pension every year, says Jaitley on OROP | Patrika News

ओआरओपी : जेटली ने कहा, हर साल नहीं बढ़ा सकते पेंशन

Published: Aug 31, 2015 07:00:00 pm

जेटली ने हर साल पेंशन का संशोधन करने की पूर्व
सैनिकों की मांग को खारिज करते हुए कहा कि दुनिया में कहीं भी एक वर्ष में पेंशन का
संशोधन नहीं किया जाता

Arun Jaitley

Arun Jaitley

नई दिल्ली। एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) को लागू करने की मांग को लेकर अनशन कर रहे पूर्व सैनिकों को वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि पेंशन हर साल नहीं बढ़ाई जा सकती, लेकिन सरकार कम उम्र में सेवानिवृत होने वाले जवानों के हितों की पूरी रक्षा करेगी।

जेटली ने हर साल पेंशन का संशोधन करने की पूर्व सैनिकों की मांग को खारिज करते हुए कहा कि दुनिया में कहीं भी एक वर्ष में पेंशन का संशोधन नहीं किया जाता। सरकार और पूर्व सैनिकों के संगठन के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन पेंशन में संशोधन करने की अवधि को लेकर दोनों में आम सहमति नहीं बन पा रही है।

पूर्व सैनिक पेंशन में हर वर्ष संशोधन की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार पांच वर्ष में एक बार पेंशन में संशोधन की बात कह रही है। वित्त मंत्री ने एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहा कि सरकार ओआरओपी को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन पेंशन के फॉर्मूले को लेकर दिक्कत है और इस पर एक राय नहीं बन पा रही।

उन्होंने कहा, ओआरओपी के बारे में मेरा अपना फॉर्मूला है। किसी अन्य का कोई और फॉर्मूला हो सकता है, लेकिन यह तार्किक और स्पष्ट मानदंडों पर आधारित होना चाहिए। ऎसी व्यवस्था नहीं हो सकती जिसमें पेंशन हर महीने या हर साल बढ़ाई जाए। सरकार ओआरओपी लागू करेगी, लेकिन ऎसा काम नहीं करेगी जिससे कि यह परंपरा बन जाए और समाज के अन्य वर्ग भी इस तरह की मांग करने लगे।

जेटली ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशें जल्द ही आने वाली हैं, मैं वित्तीय स्थिति को लेकर बेहद सजग हूं और मेरी स्थिति उस गृहिणी की है जिसे हर रूपए का हिसाब रखना है। ऎसा नहीं होना चाहिए कि आप हद से बाहर जाकर खर्च करो और फिर उधार लो। यदि आप एक बिन्दू से आगे उधार लेते हैं तो आप वित्तीय दुष्चक्र में फंस जाते हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार 35 से लेकर 38 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत होने वाले जवानों के हितों का पूरा ध्यान रखेगी और समाज को उनका ध्यान रखना ही चाहिए। इसलिए एक विशेष फार्मूले के तहत उन्हें अधिक पेंशन देना समझ में आता है, लेकिन यह पेंशन हर वर्ष नहीं बढ़ाई जा सकती।

भारतीय राजनीति में तर्कसंगत निर्णयों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि केवल भावना के आधार पर रियायत नहीं दी जा सकती। इन रियायतों से परंपरा बन सकती है जिसके आधार पर अन्य लोग भी मांग कर सकते हैं। आप ऎसी देनदारी नहीं खड़ी कर सकते जिसके लिए आने वाली पीढियों को भुगतान करना पड़े।

उल्लेखनीय है कि पूर्व सैनिक ओआरओपी की मांग को लेकर लगभग ढाई महीने से अनशन पर बैठे हैं। दस पूर्व सैनिक पिछले एक पखवाड़े से आमरण अनशन कर रहे हैं। इनमें से पांच को तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूर्व सैनिकों का कहना है कि वह अपनी मांगों में किसी तरह की कमी को स्वीकार नहीं करेंगे और जिस स्वरूप में ओआरओपी की मांग को माना गया था उसे उसी स्वरूप में लागू किया जाना चाहिए।
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