बेंगलूरु। उद्योगपति रतन टाटा ने केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा है कि सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे से निवेश नहीं आ जाएगा। उन वादों पर भरोसा करके जब कंपनियां आती हैं, तो उनको भारत निवेश के लिए अनुकूल माहौल भी मिलना चाहिए। उन्होंने यहां कहा कि भारतीय उद्योगपतियों में इस बात को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है कि केंद्र सरकार जमीनी स्तर पर पर्याप्त रूप से काम नहीं कर रही है। इसका नतीजा यह सामने आ रहा है कि निवेश में जान डालने में उम्मीद से ज्यादा देरी हो रही है। विदेशी निवेशक अब भी भारत में पैसा लगाने से हिचकिचा रहे हैं।
हालात में बदलाव नहीं
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) जैसी एजेंसियों ने जो निवेश का आंकड़ा तैयार किया है, उससे कोई उम्मीद नहीं झलक रही है। सीएमआईई की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016 के तीसरे क्वार्टर में नई क्षमताओं को तैयार करने के प्रस्तावों की घोषणा में 74 फीसदी की भारी गिरावट आ गई है।