कटक। नियाली ब्लाक के 126 गांवों में 165 भेड़ों का कलेजा निकालकर खा चुके वन्य जीव से निपटने के लिए मयूरभंज के सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान की टीम तैनात की है। करीब सवा लाख किसानों की आबादी वाले ब्लाक में हर रोज भेड़ों का कलेजा निकाल कर ले जाने वाला रहस्यमयी वन्य जीव अकेला या समूह में आता है, इसकी भी जानकारी नहीं है। यह करीब डेढ़ माह में 160 भेड़ों का शिकार कर चुका है। उसने बुधवार की देर रात तीन भेड़ों का शिकार किया। गुस्साए ग्रामीणों ने कालीघई चौक पर भेड़ों के शव फूंक कर जाम लगाया। कुछ देर को यातायात अवरुद्ध रहा।
18 सदस्यीय वन्य जीव विशेषज्ञों का दल तैनात
यह वन्य जीव भेड़ों को ही शिकार बनाता है और उनका कलेजा निकाल लेता है। शेष हिस्सा वहीं छोड़ देता है। गांवों में रतजगा होने के बावजूद इसकी पहचान नहीं हो सकी। सरकार ने अब सिमलीपाल अभयारण्य से 18 सदस्यीय वन्य जीव विशेषज्ञों का दल को तैनात किया है।
ड्रोन कैमरों से रखी जा रही नजर
दल को ट्रैंक्यूलाइजर गन सहित अत्यानुधिक उपकरणों से लैस किया है। इस पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों की मदद ली है। वन मंत्री विजयश्री राउतराय का कहना है कि जानवर का पंजे के निशान के आधार पर पता लगाया जा रहा है। किसानों को मुआवजे के लिए वह प्रस्ताव रखेंगे।
Hindi News/ Miscellenous India / कौन है जो हर रात निकाल लेता है भेड़ों का कलेजा, पकड़ने के लिए ड्रोन से होगी निगरानी