‘अयोध्या पर क्यों नहीं करते पीएम मोदी मन की बात’
Published: Feb 07, 2016 08:12:00 am
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर साधु-संतों ने सवाल किया है कि प्रधानमंत्री अयोध्या पर मन की बात क्यों नहीं करते हैं
इलाहाबाद। साल 2013 में इलाहाबाद में जिस धर्म संसद से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग उठी थी, तकरीबन ढाई साल बाद शनिवार को उसी धर्म संसद ने पीएम मोदी पर सवाल उठा दिए हैं।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर साधु-संतों ने सवाल किया है कि प्रधानमंत्री अयोध्या पर मन की बात क्यों नहीं करते हैं? शनिवार को आयोजित धर्म संसद में एक बार फिर साधु-संतों ने राम मंदिर का मुद्दा उठाया।
इस दौरान पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठे, तो सरकार की मंशा पर भी चर्चा हुई। कुछ संतों ने ये अल्टीमेटम भी दे दिया कि अगर राम मंदिर का सपना पूरा नहीं हुआ, तो साधु-संत सड़कों पर निकलेंगे। संतों ने पीएम मोदी से सवाल किया कि जब वो स्वच्छता समेत तमाम मुद्दों पर मन की बात करते हैं तो फिर राम मंदिर पर मन की बात क्यों नहीं करते?
शनि मंदिर के मुद्दे पर भी चर्चा
धर्म संसद में शनि शिंगणापुर मंदिर का मुद्दा भी उठा। काशी सुमेरू पीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, इस दुनिया में कुछ भी समान नहीं है तो फिर सिस्टम हर किसी के लिए समान कैसे हो सकता है। इसमें प्रशासन को दखल नहीं देना चाहिए और अगर ऐसा होता है तो समाज में कलह की स्थिति बन सकती है।
तो चुप्पी क्यों?
प्रधानमंत्री अक्सर अपने मन की बात करते हैं। वह रेडियो पर सफाई से लेकर स्वास्थ्य और तमाम ऐसे विषयों पर बोलते हैं। तो फिर वह अयोध्या में राम मंदिर पर चुप क्यों हैं।
– रामविलास वेदांती, पूर्व बीजेपी सांसद और हिंदू नेता