इस्लाम में महिलाओं को सर्वोच्च दर्जा : कुरैशी
Published: Oct 28, 2016 12:12:00 am
कुरैशी ने कहा, इस्लाम धर्म में महिलाओं को सर्वोच्च दर्जा प्राप्त है और किसी भी अन्य धर्म में समानता की ऐसी अवधारणा नहीं है
नई दिल्ली। पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस.वाई.कुरैशी ने गुरुवार को कहा कि इस्लाम धर्म में महिलाओं को सर्वोच्च दर्जा प्राप्त है और मुस्लिम समुदाय को अब चीजों की उदारता से व्याख्या करनी चाहिए। मुसलमानों में तीन तलाक को लेकर चल रही बहस के बीच कुरैशी ने कहा, इस्लाम धर्म में महिलाओं को सर्वोच्च दर्जा प्राप्त है और किसी भी अन्य धर्म में समानता की ऐसी अवधारणा नहीं है।
इस्लाम में महिलाओं को संपत्ति व शिक्षा के अधिकार का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, लोग समझते हैं कि महिलाओं को दबाया गया है। सरकार को यह सोचना चाहिए कि समुदाय में कानून पवित्र है, क्योंकि अब उसे उदार व्याख्या के साथ देखा जाता है।
कुरैशी ने कहा, हम सब (मुसलमान) को एकजुट होना चाहिए और अपने धार्मिक कानूनों में किसी को भी हस्तक्षेप का मौका न दीजिए। जामिया मिलिया इस्लामिया के 96वें स्थापना दिवस के मौके पर कुलपति तलत अहमद ने कहा कि देश में अल्पसंख्यक समुदाय की शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है, खासकर मुसलमानों की ताकि वे समाज में प्रगति कर सकें।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष वेद प्रकाश ने कहा कि देश को अपनी शिक्षा प्रणाली को सही रखने की जरूरत है। परिसर में तालिमा मेला (शिक्षा मेला) के उद्घाटन के लिए यह कार्यक्रम किया गया।