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बीते सात महीने में बदल गए पासपोर्ट के कई नियम, आपको जानना जरूरी

विदेश मंत्रालय ने दिसंबर, 2016 में जारी नए नियमों को मंजूरी दी थी। संसद में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि सरकार लगातार पासपोर्ट बनाने के प्रक्रिया को सरल कर रही है।

Jul 24, 2017 / 09:17 pm

ललित fulara

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार लगातार भारतीय नागरिकों के लिए पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया को आसान कर रही है। सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि आधार और पैन कार्ड दोनों ही डेट ऑफ बर्थ के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। विदेश मंत्रालय ने दिसंबर, 2016 में जारी नए नियमों को मंजूरी दी थी। हाल के महीनों में इन नियमों में कई बदलाव हुए हैं, जो जानना बेहद जरूरी है। संसद में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि सरकार लगातार पासपोर्ट बनाने के प्रक्रिया को सरल कर रही है।

जन्म प्रमाणपत्र देने से छूट:
अब आपको पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्म प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं होगी। अब आधार कार्ड और पैन कार्ड भी जन्म प्रमाणपत्र के तौर पर जरूरी सबूत माने जा सकते हैं। दरअसल, पासपोर्ट नियमों 1980 के अनुसार 26/01/1989 के बाद पैदा हुए लोगों को बर्थ सर्टिफिकेट जमा कराना अनिवार्य है। लेकिन अब ये लोग मान्यता प्राप्त शैक्ष्‍िाक बोर्ड के आवेदक की जन्मतिथि सहित पिछले स्कूल में दाखिला/स्कूल छोडऩे/ मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट/ पैन कार्ड, आधार कार्ड, ई-आधार ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड और एलआईसी पॉलिसी बॉन्ड भी जाम कर सकते हैं। सरकारी कर्मचारी अब अपना सर्विस रिकॉर्ड, पेंशन रिकॉर्ड भी दे सकते हैं। 

पासपोर्ट फीस में 10 फीसदी की छूट
8 साल से कम और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को पासपोर्ट फीस में 10 फीसदी की छूट दी जाएगी। 
सिर्फ एक आवेदक का नाम ऑनलाइन आवेदन करने वाले आवेदक सिर्फ एक अभिभावक या कानूनी अभिभावक का नाम ही दे सकते हैं, ऐसा करने से सिंगल पैरेंट को मदद मिलेगी। पहले आवेदन में पिता का नाम देना अनिवार्य था।

अनुलग्नकों का नंबर 15 से 9 कर दिया गया
पासपोर्ट फॉर्म के अनुलग्नकों का नंबर 15 से घटाकर 9 कर दिया गया है, इसका सिर्फ प्लेन पेपर पर प्रिंट लिया जा सकता है, इन कागजों को आप सेल्फ अटेस्ट भी कर सकते हैं। अब इसके लिए आपको किसी भी नोटरी या कार्यकारी मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं होगी। 

विवाह प्रमाणपत्र या तलाक की डिक्री देना अनिवार्य नहीं होगा
शादीशुदा लोगों को विवाह प्रमाणपत्र देना अनिवार्य नहीं होगा। जिन शादीशुदा जोड़ों का तलाक हो चुका है या वे अलग रह रहे हैं, उनके लिए तलाक की डिक्री देना अनिवार्य नहीं होगा। साथ ही अपने पति या पत्नी का नाम देना भी जरूरी नहीं होगा।

अनाथ बच्चों के लिए भी सरल
अनाथ बच्चों को भी अब जन्म प्रमाणपत्र देने से छूट मिल गई है। अब सिर्फ अनाथालय या चाइल्ड केयर होम के प्रमुख के इस बारे में घोषणापत्र देने से ही काम चल जाएगा।

सरकारी कर्मचारी को वरिष्ठों का एनओसी देने की जरूरत नहीं
अब सरकारी कर्मचारी को अपने वरिष्ठों का अनापत्ति प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं है। इसके लिए उन्हें खुद का घोषणापत्र देना होगा।

देश में गोद लेने का प्रमाणपत्र नहीं
अब देश में गोद लिए बच्चे के लिए रजिस्टर्ड प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं है। पासपोर्ट के लिए सरकार ने अब आधार अनिवार्य कर दिया है।

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