इस दुनिया का सबसे बड़ा और कटु सत्य है मौत, जो हर किसी को एक न एक दिन आनी ही है। लेकिन क्या हो जब किसी को पता हो कि वो इस दुनिया में सिर्फ चंद दिनों का मेहमान है उसके बाद उसकी मौत तय है जिसे कोई नहीं रोक सकता लेकिन वो मौत आखिरी समय पर अपना रास्ता भूल जाए और वो इंसान जीवित रह जाए? जी हां! ये सिर्फ कल्पना नहीं है बल्कि सच है, जो एक बच्चे के साथ हुआ है।
इस बच्चे को पता था कि वो कुछ ही दिनों का मेहमान है क्योंकि डॉक्टरों ने कह दिया था कि वो किसी भी दिन इस दुनिया से अलविदा कह सकता है। ये बात जानकर भी वो बच्चा डरा नहीं बल्कि अपने उन दिनों को उत्साह से जीता रहा और शायद इसी वजह से मौत भी उसके करीब से गुजर गई?
दिनों-दिन उसकी मौर उसके करीब आ रही थी। उसके परिवार के लोगों के दिलों की धड़कनें बढ़ती जा रही थी। लेकिन वो बच्चा अपनी मौत की तैयारियों में लगा हुआ था। वह कौन से कपड़े पहनकर मरेगा, किस जगह और किस कॉफिन में उसे दफनाया जाएगा, आदि जैसी तैयारियां वो खुद कर रहा था।
ये कहानी है 14 साल के डेरिन ब्लैकवेल की जिसे मात्र 10 वर्ष की उम्र में ही ल्यूल्यूकेमिया यानि रक्त का कैंसर हो गया था। इतना ही नहीं लांगरहैंस सेल सरकोमा नाम की जिस बीमारी को अत्याधिक दुर्लभ की श्रेणी में रखा जाता है, उसने भी डेरिन को अपनी चपेट में ले लिया। डॉक्टरों ने डेरिन को बोन मैरो देने की भी कोशिश की लेकिन यह असफल रहे। अब डॉक्टर भी अपने हाथ खड़े कर चुके थे। साल 2013 में डॉक्टरों ने बच्चे के परिवार से कह दिया था कि वो आने वाला क्रिसमस नहीं देख पाएगा।
इतना सब कुछ होने के बावजूद डेरिन नाम का यह बच्चा दिसंबर में अपना ‘आखिरी’ क्रिसमस मनाने घर आ गया और जनवरी के दूसरे सप्ताह में उसने अपने शरीर पर लगी सभी पट्टियां खोल दी तथा एक्स-रे के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि उसकी हड्डिया ठीक हो रही हैं।
ये वो समय था जब डॉक्टरों द्वारा दी गई मौत की समय सीमा पार हो चुकी थी. डॉक्टरों ने जिस बच्चे की ज़िंदगी के लिए जबाब दे दिया था कि ‘बस अब कुछ दिन और’, वह पिछले 4 सालों से जिंदा है और धीरे-धीरे ठीक हो रहा है।
बच्चे के परिवार वाले हार मानकर बैठ गए थे, यहां तक कि वो बच्चा अपने मरने की तैयारियों में जुट गया था उसका जीवित रहना बेहद चौंकाने वाला है।
हम इस बच्चे की स्वास्थ्य की मंगल कामना करते हैं।
Home / world / Miscellenous World / ‘अलविदा दोस्तो, मैं जा रहा हूँ’ और फिर इस बच्चे के हौसले के आगे मौत ने भी टेक दिए घुटने, बदल लिया रास्ता!