उस रोज वो दोपहर में बैठे हुए थे कि तभी फ़ोन की घंटी घनघना उठी, और उस ओर से उनके दिमागी रूप से कमजोर 57 वर्षीय बेटे की मौत की खबर मिली। ऐसा सुनना ही उनके लिए जैसे किसी पहाड़ के टूट कर उनपर गिर जाने जैसा था…
परिवार के किसी सदस्य को खोना किसी भी परिजन के लिए सबसे दुखद क्षण होता है। खासतौर पर उन मां-बाप के लिए जिनकी आंखों के सामने या जिन्हें अपने एक बच्चे की मौत की खबर सुनने को मिलती है। कुछ ऐसा ही हुआ एक 82 साल के बुजुर्ग शख्स के साथ, जब उन्हें अपने बेटे की मौत की खबर सुनने को मिली। उस रोज वो दोपहर में बैठे हुए थे कि तभी फ़ोन की घंटी घनघना उठी, और उस ओर से उनके दिमागी रूप से कमजोर 57 वर्षीय बेटे की मौत की खबर मिली। ऐसा सुनना ही उनके लिए जैसे किसी पहाड़ के टूट कर उनपर गिर जाने जैसा था। वो इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे, लेकिन उधर से बोला गया कि उंगलियों के निशान के आधार पर उनके बेटे की शिनाख्त कर ली गई है।
मामला अमरीका के कैलिफोर्निया का है जहां फ़ोन पर उन्हें बताया गया था कि एक स्टोर में उनके बेटे की मौत हो गई।
बेटे की मौत की खबर सुनते ही पूरे परिवार पर ग़मों का पहाड़ टूट पड़ा, लोग जैसे-तैसे एक दूसरे को संभाल पा रहे थे। बेटे का चेहरा पूरी तरह से ख़राब हो चुका था। बेटे का शव जब घर आया तो परिवार ने पूरे मान-सम्मान से बेटे को विदा किया। अंतिम संस्कार में करीब 12 लाख रुपये खर्च हुए।
एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर के मुताबिक बेटे के शव को दफनाए अभी 10 ही दिन हुए थे कि तभी 11वें दिन फिर फोन की घंटी घनघना उठी। इस बार भी फ़ोन उठाया लेकिन इस बार उन्हें जो खबर मिली वह उनके लिए सबसे ज्यादा चौंकाने वाली भी थी और आंखों में चमक के साथ-साथ खुशियां भी लेकर आई। दरअसल दूसरी तरफ से आवाज आई ‘हाय डैड’। आवाज सुनते ही यह बुजुर्ग पिता पहले तो हैरान रह गये क्योंकि डैड कहने वाला अब इस दुनिया में नहीं था। फिर जब सच्चाई का पता चला तो आंखों में खुशी के आंसू टपक पड़े।
उस रोज उनका वो बेटा घर पहुँच गया जिसका अंतिम संस्कार कुछ रोज पहले किया गया था। इस मामले से सभी हैरान थे। दरअसल जब इस मामले की सघनता से जांच की गई तब ये बात सामने आई कि जिस शख्स को अधिकारियों ने उनका बेटा बताया था वो कोई और था। खैर जो भी था लेकिन एक परिवार के घर का चिराग वापस लौट कर आ गया। परिवार वाले उसे देख फूले नहीं समां रहे थे। परिवार वालों ने जब बेटे को ज़िंदा देखा तो उनकी चीख निकल गई। हर तरफ ख़ुशी की बौखलाहट थी। आखिर बेटा वापस आया था।
हालांकि अब इस बात की भी जांच की जा रही है कि जिसे परिवार ने अपना बेटा समझ कर दफनाया था, आखिर वो कौन था? क्योंकि वो भी किसी न किसी के घर का चिराग तो रहा ही होगा, जो बुझ गया और जिसका चेहरा तक उसके परिवार वाले देख नहीं सके।