शहर के बाहरी हिस्से में हुए आत्मघाती हमले में 40 जवानों की मौत, तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली
काबुल। तुर्की के इस्तांबुल के एक दिन बाद ही अफगानिस्तान में भी आत्मघाती हमला हुआ है। आत्मघाती हमलावरों ने अफगान पुलिस के काफिले पर हमला बोल दिया, जिसमें कम से कम 40 कैडेट और नागरिक मारे गए हैं। बताया जा रहा है कि गुरुवार दोपहर को राजधानी काबुल के पास एक समारोह के बाद पुलिस प्रशिक्षुओं को लेकर लौट रहे दो वाहनों को बम धमाकों से उड़ा दिया गया। ये लोग शहर के पश्चिमी हिस्से के बाहरी इलाके से लौट रहे थे।
पघमान जिले के गवर्नर हाजी मोहम्मद मूसा खान ने बताया कि हमले में कई लोग घायल हुए हैं। हमला तालिबान के आतंकियों ने किया, जिसने इसकी जिम्मेदारी ली है। अफगानिस्तान सेना से जुड़े अफसरों के मुताबिक ये हमला काला ए हैदर खान गांव के नजदीक हुआ है।
हफ्ते भर पहले 14 लोगों पर तालिबानी हमला
पिछले ही हफ्ते तालिबान ने एक पैसेंजर बस पर हमला किया था। इसमें 14 लोग मारे गए थे। इस हमले में मारे गए लोगों में कनाडाई दूतावास की सुरक्षा में लगे नेपाली सुरक्षाकर्मी भी मारे गए थे। विदेशियों को बनाया जाता रहा है निशाना अफगानिस्तान में तालिबान के निशाने पर अक्सर विदेशी रहे हैं। अमरीका की अगुवाई में नाटो सुरक्षा बलों के जाने के बाद से यहां एक बार फिर आतंकी हमलों में इजाफा हुआ है। पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में भी तालिबान का जबरदस्त
प्रभाव है। तालिबान के अलावा यहां अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन अल कायदा की भी पैठ बढ़ी है।
भारत कर रहा मदद
भारत हिंसाग्रस्त अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में काफी मदद कर रहा है। वह यहां पर अफगान संसद, बांध, सड़कें और पुल बना रहा है। यहां के स्कूलों को भी भारत की ओर से मदद दी जा रही है। इसलिए आतंकियों के निशाने पर भारत के नागरिक भी रहे हैं।