scriptअर्जेंटीना में ‘निर्भया कांड’, विरोध में सड़कों पर महिलाएंं उतरीं | Argentina's women joined across South America in marches against violence | Patrika News

अर्जेंटीना में ‘निर्भया कांड’, विरोध में सड़कों पर महिलाएंं उतरीं

Published: Oct 20, 2016 01:42:00 pm

एक घंटाा काम न करने की अपील की जा रही। 

Argentina

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ब्योनो एरिस. अर्जेंटीना में दिल्ली के 16 दिसंबर (निर्भया कांड) जैसी रेप की घटना घटी है।16 साल की लड़की को रेप कर दर्दनाक मौत दी गई। इस घटना ने अर्जेंटीना को झकझोर दिया है। हर कोई सड़क पर गुस्से में उतर आया है। महिलाएं विरोध में निकाले जा रहे जुलूस का नेतृत्व कर रही हैं। महिलाएं एक दूसरे से एक घंटे के लिए काम काज बंद करने का आह्वान कर रही हैं। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

महिलाओं से काले कपड़े पहनकर काम पर जाने की अपील की जा रही है। इस विरोध को ‘मिरकोल्स नीग्रो’ का नाम दिया गया है। इसका मतलब है काला बुधवार। हाथ में पोस्टर लिए हर कोई सड़कों पर हैं। इन पोस्टरों पर लिखा- पुरुषों की हिंसा, अब और नहीं। यही नहीं, महिलाएं तस्वीरों में लिख रही हैं कि हम जीना चाहते हैं। प्रदर्शनकारियों ने लिखा है कि आप जहां कहीं भी हों, स्कूल में, ऑफिस में, अस्पताल में, अदालतों में, समाचार केंद्रों में, दुकान में, फैक्ट्री या जहां कहीं भी आप काम करती हों, एक घंटे के लिए काम करना बंद कर दें और मांग रखें। 

महिला और पुरुष दोनों ने मिलकर विरोध मार्च निकाला

गुप्तांग में कुछ चीजें डालकर मारा

बलात्कार की शिकार हुई किशोरी लूसिया पेरेज 16 साल की थी। इसकी इस महीने डेल प्लाटा शहर में मौत हो गई थी। 08 अक्तूबर को दो लोग लूसिया को साफ सुथरे कपड़ों के साथ नहला-धुला कर अस्पताल पहुंचा गए थे और बताया था कि उसने अधिक मात्रा में नशीली दवाओं का सेवन कर लिया है। लेकिन जांच के बाद डॉक्टरों ने पाया कि उसके साथ यौन हिंसा हुई है। अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि बलात्कार से पहले लूसिया को मैरिजुआना और कोकीन जैसी नशीली दवाएं दी गई थीं। डॉक्टरों के मुताबिक, उसके गुप्तांग में कुछ ऐसी चीजें डाली गईं जिनके कारण उसे तेज दर्द हुआ और उसके हृदय की गति रुक गई। अस्पताल लाए जाने के थोड़ी देर बाद ही लूसिया ने दम तोड़ दिया था। 


परिवार सदमे में, फेसबुक पर साझा किया दर्द

 लूसिया के 19 साल के भाई मैतियास ने फेसबुक पर लिखा कि सड़कों पर एक साथ आवाज उठाने से ही हजारों और लूसिया को मरने से बचाया जा सकता है। यही एक रास्ता है जिससे उसे शांति मिल पाएगी। लूसिया की मां मार्टा ने कहा कि हम इस तरह की बर्बरता को समझ नहीं पा रहे हैं। यह समझना नामुमकिन है। लूसिया के पिता ग्लियारमोह ने कहा कि जिस तरह से उसे मारा गया है वो अमानवीय था। 



पुरुष भी महिलाओं के साथ आए

पुरुष भी महिलाओं के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। बुधवार को हुए मार्च में पुरुषों ने हम जीना चाहते हैं, नारा दिया। वहीं, सरकार लोगों को गुस्सा शांत कराने की कोशिश कर रही है। जनता को न्याय का भरोसा दिया जा रहा है। बता दें कि अर्जेंटीना में घरेलू हिंसा के कारण हर 36 घंटे में औसतन एक महिला की मौत होती है। लातिन अमरीकी देशों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के विरोध में पिछले एक साल से प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। 


संसद ने शोक जताया

अर्जेंटीना के सांसदों ने लूसिया की मौत पर मौन रखकर शोक जताया। लूसिया की हत्या के सिलसिले में अभी तक तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं। कानून मंत्री जर्मन गारावानो ने पिछले हफ्ते लूसिया के पिता से मुलाकात की और कहा कि सरकार काम कर रही है ताकि युवाओं की जिंदगी का अंत इन दुखद कृत्यों के शिकार के रूप में कभी न हो। गौरतलब है कि अर्जेंटीना ने साल 2012 में महिलाओं के प्रति नफरत से प्रेरित हिंसा को रोकने के लिए एंटी फेमिसाइड कानून को अपनाया था। इसमें महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा के दोषी पुरुषों को कड़ी सजा देने की बात कही गई थी। 

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