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पाकिस्तान के बचाव में एनएसजी के जरिये भारत को घेरने में लगा चीन 

Published: Sep 26, 2016 08:57:00 am

उरी हमले के बाद पाकिस्तान को लेकर भारत के रुख को देख चीन ने बदली रणनीति। 

china nsg

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बीजिंग. भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच चीन, भारत की घेराबंदी करने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए चीन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) को हथियार बनाया है। उसने एक बार फिर दोहराया कि वो एनएसजी के लिए पाकिस्तान की सदस्यता का भी समर्थन करता रहेगा। इसी कवायद में हाल में चीन ने एनएसजी की सदस्यता के लिए पाकिस्तान से हथियारों के नियंत्रण को लेकर बातचीत की।

भारत के कूटनीतिक दबाव के बदले घेराबंदी कर रहा

वहीं विदेश नीति के जानकारों का मानना है कि भारत जिस तरह से उरी हमले के बाद पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बना रहा है, उसी को देखते हुए चीन ने ऐसी रणनीति बनाई है। पड़ोसी मुल्क चीन ने कहा कि चूंकि एनपीटी पर भारत ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं इसलिए उसे सदस्य नहीं बनाया जा सकता। इतना ही नहीं, उसने पाकिस्तान से बातचीत में कहा यदि भारत की दावेदारी मजबूत होती है तो उस आधार पर पाकिस्तान को भी सदस्यता मिलनी चाहिए। चीनी अधिकारियों के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान के सामने हाल की घटनाओं पर अपनी बात रखी और साथ ही एनएसजी में नॉन-एनपीटी सदस्य देशों की सहभागिता के मुद्दे पर अपनी स्थिति भी साफ की। दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान में चीनी दूतावास द्वारा जारी किए गए बयान की भाषा दिल्ली में एनएसजी को लेकर हुई साइनो-इंडियन बातचीत जैसी ही है। 

साउथ चाइना सी पर घिरा था चीन

 बीते जून माह में चीन ने एनएसजी की बैठक में भारत की सदस्यता का विरोध किया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच संबंध तोड़े तनावपूर्ण हुए थे। इस बीच चीन साउथ चाइना सी मसले पर एशिया के विभिन्न मुल्कों के बीच चीन घिरता नजर आया था। इसके बाद चीन ने इस मसले पर भारत का साथ मांगने की कोशिश की थी। चीनी विदेश मंत्री ने दोनों देशों के डायरेक्टर जनरलों के बीच बातचीत का प्रस्ताव रखा था। उस समय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन से पैरिस समझौते के तहत भारत के क्लीन एनर्जी के लक्ष्य की अहमियत पर अपनी बात रखी थी। बीते 13 सितंबर को चीन के डायरेक्टर जनरल वांग कुन अमनदीप सिंह गिल के नेतृत्व वाले भारतीय दल से बातचीत के लिए भारत आए थे।

यह चाहता है चीन

भारत के संबंध में चीन की ओर से दो चरणीय प्रकिया को आगे बढ़ाने की बात कही गई थी। चीन चाहता है कि एनएसजी केवल इस फॉर्मूले के आने के बाद ही विचार करे। इस मुद्दे पर दोनों देशों के अधिकारियों की फिर से मुलाकात करने की भी बात हुई थी, लेकिन चीन के इस रवैये से बातचीत का कोई हल नहीं निकला। 

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