कुशल निवेशक भी फंस जाते हैं धोखे में
Published: Jun 29, 2015 06:45:00 pm
निवेशकों को नुकसान तब होता
है, जब उनका निवेश गोरखधंधे में फंसी कं पनियों में होता है
न्यूयॉर्क। प्रौद्योगिकी के उपयोग में कुशल और कंपनियों के गोरखधंधों तथा बुरे संकेतों पर नजर रखने वाले अत्यधिक सावधान निवेशक भी कई बार धोखे में फंस जाते हैं। यह बात हाल के एक अध्ययन में कही गई है। अध्ययन के मुताबिक, आम तौर पर ऎसे निवेशक गलत संकेतों पर नजर रखते हैं, यानी, जिन संकेतों पर वे नजर रखते हैं, वे तब पैदा होते हैं, जब निवेशक को बचा पाना संभव नहीं रह जाता है।
नॉर्थ कैरोलिना स्टेट युनिवर्सिटी में एकाउंटिंग के प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक जो ब्राजेल ने कहा, निवेशकों को नुकसान तब होता है, जब उनका निवेश गोरखधंधे में फंसी कं पनियों में होता है, जो एनरॉन की तरह अपने हिसाब-किताब में धांधली करते हैं। लेकिन, हम यह जानना चाहते थे कि एक निवेशक धांधली के बारे में किस तरह से अनुमान लगाता है और क्या वे अपने निवेश की रक्षा करने के प्रति सतर्क रहते हैं।
शोधार्थियों ने इस अध्ययन में अमेरिका के 38 राज्यों के 194 निवेशकों से बातचीत की, जिनमें कई अनुभवी और कई गैर-पेशेवर निवेशक थे। उन्होंने इस सर्वेक्षण में यह जानना चाहा कि क्या निवेशकों ने ऎसे संकेतों को देखा, जिससे गोरखधंधे का पता चलता हो, जैसे आय में बहुत अधिक वृद्धि दर्ज किया जाना, कंपनी के ऑडिटर में बदलाव, अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा जांच शुरू किया जाना।
अध्ययन के मुताबिक, कई गैर-पेशेवर निवेशकों के पोर्टफोलियो में पांच से 10 कंपनियां होती हैं। ब्राजेल ने कहा, यदि इन कंपनियों में गोरखधंधा होता होगा, तो इन निवेशकों को नुकसान होगा।
उन्होंने कहा, हमने पाया कि सर्वेक्षण में शामिल किए गए 25 फीसदी निवेशकों के हाथ इन धोखेबाज कंपनियों से जल चुके हैं। एक अन्य बात यह भी पता चली कि निवेशक आम तौर पर उन संकेतों पर ध्यान देते हैं, जो काफी देर से आती है और तब तक शेयरों के भाव काफी नीचे गिर चुके होते हैं और निवेश को बचा पाना संभव नहीं रह जाता है।